लखनऊ : कर्मचारी, शिक्षक,अधिकारी और पेंशनर्स का सरकार के खिलाफ 05 अक्टूबर 2021 से आन्दोलन की हो रही शुरुआत
कर्मचारी व शिक्षकों का शोषण कर रही सरकार: मंच
लखनऊ। प्रदेश के 100 से अधिक कर्मचारी व शिक्षक संगठनों ने मिलकर ‘‘कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच उ.प्र.’’ का गठन करके प्रदेश के 20 लाख से अधिक कर्मचारी व शिक्षकों के हितों की रक्षा हेतु संघर्ष करने का निर्णय लिया है। अधिकार मंच से सम्बद्ध सभी संगठनों के नेताओं ने प्रेस कान्फ्रेंस करके मंच के बैनर तले आन्दोलन की घोषणा करते हुए बताया कि 5 अक्टूबर, को प्रदेश के सभी जनपद मुख्यालयों पर मोटर साईकिल रैली तत्पष्चात ज्ञापन,08 अक्टूबर, 2021 को प्रदेश के सभी जिलाधिकारी कार्यालयों पर एक दिवसीय धरना, तत्पष्चात ज्ञापन और 30 नवम्बर, 2021 को प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इको गार्डेन में महारैली आयोजित की जाएगी। |
प्रेस कान्फ्रेन्स में मंच के अध्यक्ष डा. दिनेष चन्द्र शर्मा, प्रधान महासचिव सुषील कुमार त्रिपाठी, हरिकिषोर तिवारी अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, सतीश कुमार पाण्डेय अध्यक्ष जवाहर भवन इन्दिरा भवन कर्मचारी महासंघ, डा. आर.पी.मिश्रा प्रदेष मंत्री उ.प्र.माध्यमिक शिक्षक संघ, राम राज दुबे अध्यक्ष चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ, भारत यादव अध्यक्ष वर्कचार्ज कर्मचारी महासंघ लोक निर्माण विभाग उ.प्र., आनन्द वर्मा अध्यक्ष नगर निगम कर्मचारी संघ लखनऊ , षिवषंकर पाण्डेय उत्तर प्रदेषीय प्राथमिक षिक्षक संघ, नरेन्द्र कुमार वर्मा उ.प्र.माध्यमिक शिक्षक संघ ने संयुक्त रूप से कहा कि वर्तमान सरकार के 4.5 वर्ष के कार्यकाल में कर्मचारी व षिक्षकों को लगातार क्षति पहुॅचायी जा रही है। प्रदेष के लाखों कर्मचारी व शिक्षक अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और पुरानी पेंषन बहाली की मांग कर रहे हैं, क्योंकि नई पेंशन के नाम पर उनके वेतन से करोडांे रूपये की कटौती करके शेयर बाजार में झोकी जा रही है और सरकार कर्मचारी के सेवानिवृत्ति के समय सुनिष्चित पेंशन देने की जिम्मेदारी लेने को तैयार नही है।
प्रदेश के कर्मचारी व शिक्षकों का 18 महीने के महंगाई भत्ते का लगभग 10 हजार करोड़ रूपये सरकार डकार गयी है। नगर प्रतिकर भत्ता, स्वैच्छिक परिवार कल्याण भत्ता, कम्प्यूटर भत्ता, परियोजना भत्ता, द्विभाषीय भत्ता समेत 10 से अधिक भत्ते सरकार द्वारा समाप्त करके कर्मचारी व शिक्षकों के पेट पर लात मारी गयी हैै। 45 हजार वेतन पाने वाले शिक्षा मित्र को आज 10 हजार पर लाकर भुखमरी के कगार पर खड़ा कर दिया गया है। हजारों शिक्षा मित्र अवसाद ग्रस्त होकर आत्महत्या कर चुके हैं। अनुदेशकों का मानदेय 17 हजार से घटाकर 7 हजार कर दिया गया है। प्रदेश के वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत लाखों शिक्षकों का मानदेय समाप्त करके उनके परिवार के साथ कुठाराघात किया है। कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय के 2 हजार से अधिक शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया गया है। बेसिक स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के 01 लाख से अधिक पद समाप्त करके शिक्षकों की पदोन्नति के अवसर समाप्त कर दिये गये हैं तथा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेष शासन के बार-बार निर्देष देने के बावजूद भी कर्मचारियों की पदोन्नति नही की जा रही है। कलेक्ट्रेट को विषेष प्रतिष्ठा प्रदान करते हुए ग्रेड वेतन उच्चीकरण के सम्बन्ध में राजस्व परिषद उत्तर प्रदेष की संस्तुति के उपरान्त शासन ने माह जनवरी, 2019 में पत्र दिया कि इसे कैबिनेट ले जाकर शासनादेश निर्गत किया जायेगा, जो आज तक शासनादेश निर्गत न होने से कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।