उड़ीसा : उड़ीसा में संविदा नियुक्ति होगी खत्म, 57 हजार कर्मचारी होंगे नियमित, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का बड़ा ऐलान
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के 76वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। राज्य सरकार की नौकरियों में कॉन्ट्रैक्ट भर्ती को खत्म करके 57,000 संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा।
नवीन पटनायक ने दिवाली से पहले राज्य के संविदा कर्मचारियों को गिफ्ट दिया है
कॉन्ट्रैक्ट भर्ती को खत्म करके 57,000 संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा
सीएम के 76वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया
भुवनेश्वर: ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दिवाली से पहले राज्य के संविदा कर्मचारियों को गिफ्ट दिया है। सीएम ने घोषणा की कि राज्य सरकार की नौकरियों में कॉन्ट्रैक्ट भर्ती को खत्म करके 57,000 संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। मुख्यमंत्री के 76वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके तहत राज्य सरकार प्रति वर्ष अतिरिक्त 1,300 करोड़ रुपये खर्च करेगी। पटनायक ने एक वीडियो संदेश में कहा कि इसके बारे में अधिसूचना रविवार को जारी की जाएगी। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
वीडियो संदेश में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा, 'ठेके पर काम करने वाले सभी कर्मचारी नियमित किए जाएंगे। इसे लागू करने वाली अधिसूचना रविवार को जारी कर दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा, 'आज मुझे यह ऐलान करते खुशी हो रही है कि राज्य कैबिनेट ने ठेके पर भर्ती करने की व्यवस्था स्थायी तौर पर खत्म करने का फैसला लिया है।'
1,300 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च
सीएम नवीन पटनायक ने कहा, 'आज भी कई राज्यों में कोई भी नियमित भर्ती नहीं होती और वे अभी भी ठेके पर भर्ती कर रहे हैं लेकिन ओडिशा में ठेके पर भर्ती करने का दौर खत्म हो गया है।' उन्होंने कहा, 'मैं इस पल का इंतजार कर रहा था। अधिसूचना जारी होने पर 57 हजार से अधिक कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इससे सरकार का हर साल 1,300 करोड़ रुपए अधिक खर्च होगा। यह निर्णय दिवाली के ठीक पहले लिया गया है।'
मुख्यमंत्री पटनायक ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि आपके आशीर्वाद से मुझे वर्ष 2000 से प्रदेश की जनता की सेवा करने का अवसर मिला है। 1999 में आए सुपर साइक्लोन के बाद की स्थिति और कमजोर आर्थिक स्थिति नवीन के लिए सबसे बड़ी चुनौती थीं। उस समय राज्य ओवरड्राफ्ट पर चल रहा था। सरकार को दैनिक के खर्च के लिए रिजर्व बैंक पर निर्भर रहना पड़ता था। हालांकि, यह ओडिशा की अर्थव्यवस्था के लिए एक काला दौर था। उस समय राज्य का खजाना भी खाली था।
अर्थव्यवस्था बहुत खराब थी। हम शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे, कृषि, सिंचाई आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में बहुत पीछे थे। इस बीच बाढ़ और सूखा जारी रहा। उस समय नियुक्ति पूरी तरह बंद करनी पड़ी थी। राज्य के बच्चे नियुक्ति ना पाकर परेशान थे। गरीबी भी ज्यादा थी। इससे मुझे बहुत दुख हो रहा था। मेरे मन में सदैव चिंता लगी रहती थी कि कब अच्छे दिन आएंगे और हमारे बच्चों को नियमित सर्विस मिलेगी।
ओडिशा में संविदा नियुक्ति का युग समाप्त
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमित संसाधनों में इन क्षेत्रों को सुधारना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता थी। आपके सहयोग से व महाप्रभु के आशीर्वाद से 2013 से हमने संविदा नियुक्ति व्यवस्था शुरू किया। यह निर्णय भी मेरे लिए कष्टदायक था। आज हमारी आर्थिक अवस्था में सुधार हुआ है। विकास के क्षेत्र में ओडिशा ने पूरे देश में एक नया परिचय स्थापित किया है। पिछले साल हमने इस संविदा नियुक्ति को प्रारंभिक नियुक्ति में बदल दिया। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि राज्य मंत्रिमंडल ने संविदा नियुक्ति व्यवस्था को हमेशा के लिए समाप्त करने का निर्णय लिया है। कई राज्यों में अभी भी नियमित भर्तियां बंद हैं। संविदा भर्ती का कार्य प्रगति पर है। ओडिशा में अब संविदा नियुक्ति युग समाप्त हो गया है।