केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव के मुताबिक ईपीएफओ का दायरा मौजूदा 6.5 करोड़ सदस्यों से बढ़ाकर 10 करोड़ सदस्यों तक किया जाएगा। ईपीएफओ को अपने मुकदमों को कम करना और प्रसार को बढ़ाना होगा।
कर्मचारी भविष्य निधि कोष (ईपीएफओ) ने एक नियम में अहम बदलाव किया है। इसके तहत छह महीने से भी कम समय में रिटायर होने वाले अपने अंशधारकों को कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (ईपीएस-95) के तहत जमा राशि निकालने की इजाजत दी गई है।
क्या हैं मायने: इस फैसले का मतलब है कि अब ईपीएफओ के अंशधारक पेंशन फंड से भी पैसे निकाल सकेंगे। अब तक छह महीने से कम सेवा बाकी रहने पर ईपीएफओ अपने कर्मचारी भविष्य निधि खाते यानी ईपीएफ अकाउंट में ही जमा राशि की निकासी की अनुमति देता है। अभी तक के नियम के मुताबिक पेंशन फंड के पैसे आपको रिटायरमेंट के बाद मिलते हैं। बहरहाल, अब ईपीएफओ ने अपना प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेज दिया है और इसकी आधिकारिक मंजूरी का इंतजार है।
पेंशनधारकों के लिए अच्छी खबर: इसके अलावा न्यासी मंडल ने 34 वर्षों से अधिक समय से इस योजना का हिस्सा रहे सदस्यों को आनुपातिक पेंशन लाभ देने की भी अनुशंसा की है। इस सुविधा से पेंशनधारकों को सेवानिवृत्ति लाभ के निर्धारण के वक्त ज्यादा पेंशन पाने में मदद मिलेगी।
10 करोड़ लोगों तक पहुंच: केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव के मुताबिक ईपीएफओ का दायरा मौजूदा 6.5 करोड़ सदस्यों से बढ़ाकर 10 करोड़ सदस्यों तक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ईपीएफओ की सबसे बड़ी जिम्मेदारी अपने मुकदमों को कम करना और प्रसार को बढ़ाना है।