एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

Search Your City

नई दिल्ली : अब हर छात्र की होगी 12 अंकों की यूनिक आईडी, शैक्षिक सत्र 2024-25 से लागू होगी व्यवस्था, बाल वाटिका से पीएचडी तक करेगी काम, 'एक राष्ट्र, एक छात्र' के तहत ढाई करोड़ छात्रों की एपीएएआर तैयार

0 comments
नई दिल्ली : अब हर छात्र की होगी 12 अंकों की यूनिक आईडी, शैक्षिक सत्र 2024-25 से लागू होगी व्यवस्थाबाल वाटिका से पीएचडी तक करेगी काम, 'एक राष्ट्र, एक छात्र' के तहत ढाई करोड़ छात्रों की एपीएएआर तैयार


नई दिल्ली। 'एक राष्ट्र, एक छात्र' के तहत अब हर छात्र की विशिष्ट पहचान (12 अंक की आईडी) होगी, जो उसकी बाल वाटिका से पीएचडी की पढ़ाई और नौकरी पाने तक मददगार होगी। आधार की तर्ज पर काम करने वाली इस आईडी को ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (एपीएएआर) नाम दिया गया है।


यह योजना शैक्षणिक सत्र 2024-25 से लागू होगी। केंद्र सरकार ने उच्च शिक्षा से जुड़े 4.50 करोड़ छात्रों में से 2.50 करोड़ को एपीएएआर प्रदान कर दिया है। शेष छात्रों के लिए एपीएएआर का निर्माण जारी है।


APAAR "ONE NATION, ONE  स्कूली छात्रों की यूनिक आईडी बनाने के लिए राज्यों से जानकारियां जुटाई जा रही हैं। योजना लागू होने पर स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक छात्र देश में कहीं भी जाकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकता है। फिलहाल, ट्रांसफर सर्टिफिकेट से लेकर अन्य जटिलताओं के कारण इस प्रक्रिया (माइग्रेशन) में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।


इस तरह से करेगा कामबाल वाटिका में जैसे ही छात्र दाखिला लेगा, उसकी एपीएएआर बन जाएगी। इसमें छात्र व माता-पिता के नाम, जन्मतिथि, लिंग, फोटो व आधार नंबर डाला जाएगा। यह आईडी उसके उच्च शिक्षा में भी काम आएगी। बोर्ड परीक्षा, जेईई, नीट, सीयूईटी समेत अन्य राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं के आवेदन पत्र में छात्र को यही आईडी अपलोड करनी होगी।


डिजिलॉकर व एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट से जुड़ेगी
यह आईडी डिजिलॉकर व एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट से भी जुड़ रही है। जब कोई छात्र किसी कोर्स, डिग्री, सर्टिफिकेट, स्किल या कोई अन्य उपलब्धि हासिल करेगा, तो उसके सर्टिफिकेट उसमें जुड़ जाएंगे। इससे छात्र की शैक्षणिक योग्यता व सर्टिफिकेट की जांच अलग से नहीं करनी होगी। पढ़ाई के बाद कैंपस प्लेसमेंट व नौकरी में भी इसी यूनिक आईडी से सत्यापन हो जाएगा।



अब हर स्टूडेंट का 'अपार' आईडी, आधार की तरह स्टूडेंट की पहचान तय होगी, पढ़ाई से जुड़ा हर डेटा इसमें रहेगा 


ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री यानी अपार आईडी (APAAR ID) I स्टूडेंट्स की अब यही पहचान होगी। यह आधार की तरह 12 डिजिट का नंबर होगा। आईडी बाल वाटिका, स्कूल या कॉलेज में दाखिला लेते ही मिलेगा। स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी ट्रांसफर, सर्टिफिकेट सत्यापन, स्किल ट्रेनिंग, इंटर्नशिप, स्कॉलरशिप, अवॉर्ड, कोर्स क्रेडिट ट्रांसफर जैसी जानकारी डिजिटल रूप में समाहित रहेगी।


देश में 30 करोड़ स्टूडेंट्स हैं। 4.1 करोड़ उच्च शिक्षा और 4 करोड़ स्किलिंग कोर्स से जुड़े हैं। एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट सिस्टम के चलते इस सत्र से एक हजार उच्च शिक्षा संस्थानों के एक करोड़ छात्र-छात्राएं अपार के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। सरकार का लक्ष्य सभी छात्रों को अपार के दायरे में लाने का है। शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों को सभी स्टूडेंट्स का अपार रजिस्ट्रेशन का आग्रह किया है। 


ऐसा तंत्र जरूरी था, जहां सब कुछ सत्यापित हो

देश के सभी संस्थानों के पास अपने छात्रों, शिक्षकों का डेटा होता है, लेकिन यह एक फॉर्मेट में नहीं होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क आने के बाद मल्टीपल एग्जिट, एंट्री, नए कोर्स में लैटरल एंट्री आदि में ऐसे तंत्र की जरूरत थी, जहां एक ही प्लेटफॉर्म पर सब कुछ सत्यापित हो सके। कई बार अलग- अलग एजेंसियों के पास एक ही संस्था के बारे में उपलब्ध डेटा में भी विसंगतियां होती हैं। अब एक ही प्लेटफॉर्म से डेटा शेयरिंग से सभी किस्म की समस्याएं खत्म होंगी।
– • प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे, चेयरमैन, नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम


वो सबकुछ जो जानना जरूरी है।

यह आईडी कहां बनेगा ?
अपार आईडी आधार नंबर के जरिए जारी होगा। स्कूल-कॉलेज के माध्यम से ही बनेगी। माता- पिता/अभिभावकों की सहमति जरूरी। इसका डेटा शिक्षा संबंधी विभागों और संस्थानों के साथ साझा होगा। इसके तहत बच्चों का आधार वेरिफिकेशन किया जाएगा। अपार से जुड़े रिकॉर्ड डिजिलॉकर में उपलब्ध होंगे।

कहां उपयोग हो सकेगा? 
छात्र जीवन से जुड़ी हर अकादमिक गतिविधि की अधिकृत सूचना इस नंबर के साथ उपलब्ध होगी। नौकरी पाने के लिए भी सीधे अपार नंबर का इस्तेमाल हो सकेगा। यही नहीं, नौकरी पाने के बाद स्किलिंग, रीस्किलिंग या अपस्किलिंग में भी इसी का इस्तेमाल हो सकेगा।

शिक्षा से इतर इसका कह इस्तेमाल हो सकेगा ?
रेल और बस कंसेशन में अपार नंबर का इस्तेमाल हो सकेगा।



वन नेशन वन स्टूडेंट आइडी की तर्ज पर ’अपार’ (आटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) आइडी देगी छात्रों को विशिष्ट पहचान

आधार कार्ड की तरह हर स्कूली बच्चे का बनेगा अपार कार्ड, अभिभावकों की सहमति लेने का कार्य स्कूल स्तर पर शुरू


स्कूल से लेकर कालेज तक के छात्रों के पास अब आधार कार्ड के अलावा एक और विशिष्ट पहचान आइडी होगी। इसका नाम अपार (आटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) रखा गया है। इसके लिए उनके माता-पिता की सहमति लेने का कार्य स्कूल स्तर पर शुरू हो गया है। 



राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने प्री-प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक के हर छात्र के लिए अपार आइडी बनाने की योजना वन नेशन वन स्टूडेंट आइडी की तर्ज पर बनाई है। इसे छात्रों के आधार नंबर से भी लिंक किया जाएगा।


आधार कार्ड की तरह हर स्कूली बच्चे का 12 अंकों का अलग अपार आइडी कार्ड बनाया जाएगा। अपार आइडी कार्ड में बच्चे की सभी जानकारी होगी। इसमें नाम, पता, जन्मतिथि, फोटो के साथ ही बच्चे के खेलकूद की गतिविधियां, एजुकेशन लोन, स्कालरशिप अवार्ड आदि की भी पूरी जानकारी होगी।


 कार्ड को बनाने के लिए बच्चों के अभिभावकों से पहले सहमति लेने का कार्य शिक्षा मंत्रालय स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग भारत सरकार के सचिव संजय कुमार द्वारा सभी प्रदेशों के मुख्य सचिव को जारी पत्र के बाद स्कूल स्तर से शुरू कर दिया गया है। 


बच्चों को एक तय फार्मेट का फार्म दिया जा रहा है। इस फार्म को अभिभावकों से भरवाकर जमा कराने का कार्य स्कूलों में पैरेंट टीचर मीटिंग (पीटीएम) आयोजित कराकर किया जा रहा है। इसके बाद कार्ड बनाया जाएगा। कार्ड की विशेषता यह भी होगी कि किसी भी छात्र का एक बार कार्ड बनने के बाद अगर स्कूल बदला भी जाता है तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। यही कार्ड हमेशा काम आएगा। इसका नंबर आधार की तरह ही यूनिक होगा, जिसका इस्तेमाल भविष्य में बच्चे को हर जगह करना अनिवार्य हो जाएगा।


राज्य सरकार के विभाग अभिभावकों के साथ करेंगे बैठक : उत्तर प्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक संस्थानों को अपार आइडी बनाने के महत्व पर चर्चा करने के लिए 16 से 18 अक्टूबर के बीच अभिभावकों और शिक्षकों की एक बैठक आयोजित करने को कहा है।


डाटा गोपनीय रहेगा

सरकार की ओर से कहा गया है कि इसमें छात्रों के माता-पिता की सहमति की आवश्यकता होगी। सरकार ने आश्वासन दिया कि डाटा गोपनीय रहेगा और केवल सरकारी एजेंसियों के साथ साझा किया जाएगा। सहमति देने वाले अभिभावक इसे किसी भी समय वापस ले सकते हैं। सहमति के बाद इसे सेंट्रल यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट एंड इंफार्मेशन सिस्टम फार एजुकेशन प्लस पोर्टल पर अपलोड करना स्कूल की जिम्मेदारी होगी।





कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।