लखनऊ : 'प्रोजेक्ट प्रवीण' के तहत एक लाख विद्यार्थियों को कौशल प्रशिक्षण, शैक्षिक सत्र 2024-25 में होगा विस्तार, चयनित माध्यमिक विद्यालयों में होगा लागू
लखनऊः विद्यार्थियों के कौशल को निखारने के लिए 'प्रोजेक्ट प्रवीण' के तहत इस वर्ष एक लाख छात्र- छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। शैक्षिक सत्र 2024-25 में योजना का विस्तार होगा और इसे प्रदेश के चयनित माध्यमिक विद्यालयों में लागू किया जाएगा।
कौशल विकास व उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल का कहना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की संकल्पना के अनुरूप कौशल प्रशिक्षण को औपचारिक शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रोजेक्ट प्रवीण का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की छात्राओं को मुफ्त कौशल प्रशिक्षण की सुविधा नियमित पाठ्यक्रम के साथ उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक 315 राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत 63,000 से अधिक छात्र/छात्राओं को कौशल प्रशिक्षण दिया गया है। कक्षा नौ से 12 तक के विद्यार्थियों को प्रतिदिन 90 मिनट की अवधि का अल्पकालिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को व्यावसायिक कौशल से सुसज्जित करना है जिससे उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर मिलें और वे आत्मनिर्भर बनें।
शैक्षिक सत्र 2024-25 में होगा विस्तार, चयनित माध्यमिक विद्यालयों में होगा लागू
कक्षा नौ से 12 तक के विद्यार्थियों को रोजाना डेढ घंटे दिया जाएगा प्रशिक्षण
प्रोजेक्ट प्रवीण की शुरुआत वर्ष 2022-23 में की गई थी। इसकी सफलता को देखते हुए वर्ष 2024- 25 में इसका विस्तार किया जाएगा। कौशल विकास मिशन के निदेशक अभिषेक सिंह के अनुसार माध्यमिक शिक्षा विभाग के सहयोग से प्रदेश के विभिन्न जिलों के चयनित विद्यालयों में यह कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। सभी जिलों के समन्वयकों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। प्रत्येक विद्यालय में अधिकतम दो अलग-अलग जाब रोल का चयन किया जाएगा। हर बैच में 35 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर एक या दो जाब रोल का चयन किया जा सकता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जिन सेक्टरों में रोजगार की अधिक संभावनाएं हैं और जिनमें विद्यार्थियों की रुचि है, उन्हें प्राथमिकता दी जाए। महिला सशक्तिकरण के लिए अधिक से अधिक बालिकाओं को कौशल विकास योजना से जोड़ने के लिए बालिका विद्यालयों का चयन प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
आभार साभार -दैनिक जागरण