लखनऊ : राजधानी में 600 शिक्षकों के पद खाली आदेश के बाद भी शिक्षकों ने नहीं ग्रहण किया कार्यभार
लखनऊ। राजधानी के राजकीय और अनुदानित विद्यालयों में करीब 600 शिक्षकों के पद खाली हैं। मुख्य विषयों के शिक्षक न होने से छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट माध्यमिक शिक्षक संघ ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव एकजुट ने निदेशक से की मुलाकात से मुलाकात कर खाली पदों पर शिक्षक भर्ती की मांग की है।
माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट की ओर से जारी पत्र के अनुसार, राजधानी सहित प्रदेश में 25,000 से अधिक शिक्षकों के पद खाली हैं। लखनऊ के किशन नारायण इंटर कालेज, दिव्या मंदिर गर्ल्स हाईस्कूल नरही व एमकेएसडी इंटर कॉलेज निशातगंज सहित अन्य विद्यालयों में छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की कमी की वजह से शिक्षा व्यवस्था पर प्रभाव पड़ रहा है।
लखनऊ। नगर क्षेत्र के सरकारी विद्यालयों में नियम विरुद्ध अटैच शिक्षकों की संबद्धता समाप्त होने के बाद भी दूसरे दिन शिक्षक अपने मूल विद्यालय में कार्यभार ग्रहण करने नहीं पहुंचे। कुछ शिक्षक बेसिक शिक्षा निदेशालय तो कुछ विभाग में अपना पक्ष रखने के लिए पहुंचे। हालांकि शिक्षकों के पास तैनाती का कोई आदेश नहीं था, ऐसे में उनको निराशा ही हाथ लगी। अधिकारियों ने भी दो टूक कह दिया कि उन्हें मूल विद्यालय में ही शिक्षण कार्य करना होगा। बीएसए राम प्रवेश ने कहा कि अभी शिक्षकों का समायोजन होना है, ऐसे में संबद्ध शिक्षकों की वजह से व्यवस्था प्रभावित होगी। नियम विरुद्ध संबद्ध शिक्षकों को मूल विद्यालय में भेजना जरूरी है, जो शिक्षक मनमानी करेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। (संवाद)
संघ के प्रदेश अध्यक्ष सोहनलाल वर्मा ने बताया कि साल 2021 में करीब पांच हजार पदों पर शिक्षक भर्ती का विज्ञापन निकाला गया। लेकिन, अभी तक परीक्षा नहीं हुई। शिक्षकों की सेवा सुरक्षा की धारा 21 को बहाल करने की मांग भी उठाई।