लखनऊ : 69000 शिक्षक भर्ती की सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई अब 15 अक्तूबर को
27 सितम्बर 2024
69000 शिक्षक भर्ती की सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई अब 15 अक्तूबर को होगी। पिछली तिथि 23 सितंबर को इस मामले की सुनवाई नहीं हो सकी थी। ऐसे में अभ्यर्थियों का इंतजार अब लंबा होता जा रहा है। 69000 शिक्षक भर्ती में चल रहे मामले में पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने पुरानी सभी सूची रद्द करते हुए नए सिरे से आरक्षण के नियमों के अनुसार सूची बनाने के निर्देश दिए थे। इसके तुरंत बाद लगभग चार साल से इस भर्ती में आरक्षण में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने इस आदेश को तुरंत लागू कराने के लिए धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया था।
इस बीच चयनित अभ्यर्थी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चले गए। जहां मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले में एक सुनवाई कर चुकी है। इसके बाद सभी पक्षों को लिखित सूचना देने के साथ ही 23 सितंबर को सुनवाई होनी थी किंतु नहीं हो सकी। अब दशहरे के बाद 15 अक्तूबर को इस मामले की सुनवाई होनी है। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी इससे निराश हैं।
इनका नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि इससे जुड़ी एक नई रिट पर सुनवाई प्रस्तावित है। हम प्रयास करेंगे कि इसमें वरिष्ठ अधिवक्ताओं के माध्यम से अपनी रिट पर भी सुनवाई की अपील करेंगे। क्योंकि हम पहले से ही चार साल से इंतजार कर रहे हैं। यह मामला और खिंचता जा रहा है। प्रदेश सरकार जल्द से जल्द हमें नियुक्ति देकर इस मामले का पटाक्षेप करे।
सुप्रीम कोर्ट में नहीं हो सकी 69000 शिक्षक भर्ती मामले की सुनवाई, जानिए क्यों?
24 सितम्बर 2024
लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। इससे दोनों पक्ष के अभ्यर्थियों को निराशा हुई। अब दोनों पक्षों की निगाह अगली तिथि पर टिकी है। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 13 अगस्त को पूर्व की चयन सूची रद्द करते हुए तीन महीने में नई चयन सूची आरक्षण के नियमों - के तहत तैयार करने का निर्देश दिया था। इसे लेकर चयनित अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट गए थे। इस मामले में 9 सितंबर को - सुनवाई हुई थी और 23 सितंबर को फिर सुनवाई होनी थी।
अभ्यर्थियों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा के न बैठने से सुनवाई नहीं हो सकी है। सुप्रीम कोर्ट में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की पैरवी कर रहे विजय यादव व अमरेंद्र पटेल ने बताया कि सुनवाई न होने से निराश हैं। क्योंकि 4 वर्षों से हम न्याय की गुहार लगा रहे हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार इस मामले में सॉलिसिटर जनरल को भेजकर सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की जल्द सुनवाई करने व मामले के निस्तारण की अपील करे। ताकि अभ्यर्थियों का भविष्य सुरक्षित किया जा सके।
69000 शिक्षक भर्ती मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले पर होनी है सुनवाई
23 सितम्बर 2024
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच के 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर दिए गए निर्णय को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार 23 सितंबर को फिर सुनवाई होगी। 9 सितंबर को मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर फिलहाल रोक लगाई थी। साथ ही सभी पक्ष को नोटिस जारी करते हुए अपना पक्ष रखने को कहा था।
69000 शिक्षक भर्ती को लेकर काफी समय से युवा आंदोलन कर रहे हैं। साथ ही कोर्ट में भी इसकी लड़ाई लड़ रहे हैं। इसी क्रम में इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने इस मामले में पुरानी सभी सूची निरस्त करते हुए आरक्षण के नियमों के अनुसार नई सूची बनाने का निर्देश दिया था। इसके बाद आरक्षित और चयनित दोनों अभ्यर्थियों ने धरना, प्रदर्शन किया था।
वहीं चयनित अभ्यर्थी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए थे। दूसरी तरफ आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने भी इस मामले में कैविएट दाखिल किया था। इसी पर 9 सितंबर को सुनवाई हुई थी। साथ ही अगली तिथि 23 सितंबर तय की गई थी। वहीं दोनों वर्ग के अभ्यर्थी भी सुनवाई को लेकर तैयारी में लगे थे। अभ्यर्थियों के अनुसार सोमवार को होने वाली सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश के उपस्थित होने की कम संभावना है।
69000 शिक्षक भर्ती : सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी के लिए जुटे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी, 23 सितम्बर के बाद शुरू होगा कोर्ट में सुनवाई का दौर
वरिष्ठ अधिवक्ताओं को केस की पैरवी में उतारने का प्रयास
23 सितंबर को होगी इस मामले की अगली सुनवाई
16 सितम्बर 2024
लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में सुनवाई की अगली तिथि 23 सितंबर लगी है। ऐसे में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी अब आंदोलन से ज्यादा सुप्रीम कोर्ट में मामले की सशक्त पैरवी की तैयारी में लग गए हैं। अभ्यर्थी अपने केस की पैरवी के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को उतारने की तैयारी में हैं। इसके लिए भी वह अभियान चला रहे है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच के आदेश के अनुपालन के लिए आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के साथ ही कई कैबिनेट मंत्रियों के आवास का घेराव कर नियुक्ति देने की मांग कर चुके हैं। इसी बीच अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए और इस पर सुनवाई के बाद 23 सितंबर तक स्टे लगा दिया गया है।
अब इस मामले की सुनवाई की तिथि करीब आने के साथ ही आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी की तैयारी में लग गए हैं। यही वजह है कि फिलहाल घेराव आदि के आंदोलन का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि काफी समय से चल रही लड़ाई में अब जाकर हमारे पक्ष में निर्णय आया है।
ऐसे में इसमें किसी तरह की कमी न रह जाए इसलिए हम सुप्रीम कोर्ट में बेहतर पैरवी की तैयारी में लगे हैं। हम वरिष्ठ से वरिष्ठ वकील अपने पक्ष में पैरवी के लिए खड़ा करेंगे। इसके लिए कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं से वार्ता भी हो गई है। इसके लिए सभी आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी मिलकर अपने स्तर से तैयारी कर रहे हैं। 23 सितंबर की सुनवाई के बाद हम आगे की रणनीति तय करेंगे।