दिमाग की तरह गणना करने वाली एनालॉग कंप्यूटिंग विकसित
बेंगलुरु, एजेंसी। भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के विशेषज्ञों ने दिमाग की तरह गणना करने वाला 'एनालॉग कंप्यूटिंग' मंच विकसित किया है। वैज्ञानिकों ने इसे परिवर्तनकारी कदम बताते हुए कहा कि यह औद्योगिक, उपभोक्ता और रणनीतिक अनुप्रयोगों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। यह शोध 'नेचर' में प्रकाशित किया गया है।
भारत सेमीकंडक्टर मिशन के संदर्भ में, यह विकास एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम साबित हो सकता है। यह
वैज्ञानिकों के लिए यह एक दुर्लभ उपलब्धि
आईआईएससी के नैनो विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केंद्र के सहायक प्रोफेसर एवं अनुसंधान टीम के प्रमुख श्रीतोष गोस्वामी ने बताया, न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग के सामने एक दशक से अधिक समय से कई अनसुलझी चुनौतियां हैं। इस खोज के साथ, हमने लगभग पूर्ण प्रणाली प्राप्त कर ली है। यह एक दुर्लभ उपलब्धि है। सीईएनएसई के अतिथि प्रोफेसर श्रीब्रत गोस्वामी ने डिजाइन किया था। मैट्रिक्स गुणन एक अवधारणा है जो उच्च माध्यमिक कक्षा में गणित विषय के तहत पढ़ाई जाती है। लेकिन डिजिटल कंप्यूटर में इन गणनाओं में बहुत ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होती है।
औद्योगिक, उपभोक्ता और रणनीतिक प्रयोग में क्रांति लाएगा।
वैश्विक मानचित्र पर खड़ा होगा भारतः अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक ऐसा मंच संभावित रूप से जटिल कृत्रिम
बुद्धिमत्ता (एआई) कार्यों को, जैसे 'लार्ज लैंग्वेज मॉडल' (एलएलएम) को लैपटॉप और स्मार्टफोन जैसे व्यक्तिगत उपकरणों में इस्तेमाल करने की क्षमता प्रदान कर सकता है।