महराजगंज : पेंटिंग और खेल उपकरणों से बच्चों की पढ़ाई आसान
महराजगंज। परिषदीय स्कूल और परिसर में संचालित आंगनबाड़ी के प्री प्राइमरी बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने का फार्मूला सफल साबित हो रहा है। विभाग की ओर से कराई गई पेंटिंग, चित्रकारी व उपलब्ध कराए गए खेल उपकरणों की मदद से शिक्षक न सिर्फ बच्चों को बेहतर तरीके से शिक्षित कर पा रहे हैं, बल्कि बच्चे भी बड़े मनोयोग से सीखने के प्रति रुचि दिखा रहे हैं।
जनपद में 21067 आंगनबाड़ी केंद्र तथा 1705 परिषदीय स्कूल संचालित हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों में 36872 बच्चे, परिषदीय स्कूलों में 2.46 लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शहरी क्षेत्र के अधिकतर परिषदीय स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र के कक्षा कक्ष की दीवारों पर आकर्षक तरीके से पेंटिंग व चित्रकारी कराई गई है। फल, फूल, जानवर, अक्षर, पर्यावरण के प्रति जागरूकता संबंधित चित्र, प्रेरक वाक्य तथा गिनती व पहाड़ा तक की पेंटिंग की गई है।
इस चित्रकारी के जरिए शिक्षक न सिर्फ बच्चों को आसानी से शिक्षित कर पा रहे हैं, बल्कि बच्चों के सीखने की क्षमता भी बढ़ी है। महापुरुषों के कहे वाक्य हो अथवा प्रेरणा देने वाली पंक्तियां सभी को बच्चे सुविधाजनक तरीके से कंठस्थ कर लेते हैं। साथ ही उपलब्ध खेल सामग्रियों से विभिन्न आकृतियों का ज्ञान और जोड़ घटाना भी आसानी से सीख लेते हैं।
सभी परिषदीय स्कूलों में कक्षा-कक्ष की दीवारों पर पेंटिंग और चित्रकारी कराई गई है। इससे बच्चों की सीखने व याद रखने में आसानी होती है। खेल उपकरणों से भी बच्चे गणित व आकृतियों की जानकारी शीघ्र सीख लेते हैं। कक्षा के बच्चों की बौद्धिक क्षमता के अनुरूप ही चित्रकारी व पेंटिंग दीवार पर उकेरी जाती है।-श्रवण गुप्ता, बेसिक शिक्षा अधिकारी
जनपद में 21067 आंगनबाड़ी केंद्र तथा 1705 परिषदीय स्कूल संचालित हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों में 36872 बच्चे, परिषदीय स्कूलों में 2.46 लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शहरी क्षेत्र के अधिकतर परिषदीय स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र के कक्षा कक्ष की दीवारों पर आकर्षक तरीके से पेंटिंग व चित्रकारी कराई गई है। फल, फूल, जानवर, अक्षर, पर्यावरण के प्रति जागरूकता संबंधित चित्र, प्रेरक वाक्य तथा गिनती व पहाड़ा तक की पेंटिंग की गई है।
सभी परिषदीय स्कूलों में कक्षा-कक्ष की दीवारों पर पेंटिंग और चित्रकारी कराई गई है। इससे बच्चों की सीखने व याद रखने में आसानी होती है। खेल उपकरणों से भी बच्चे गणित व आकृतियों की जानकारी शीघ्र सीख लेते हैं। कक्षा के बच्चों की बौद्धिक क्षमता के अनुरूप ही चित्रकारी व पेंटिंग दीवार पर उकेरी जाती है।
संवाद न्यूज एजेंसी, महाराजगंज
आभार साभार-अमर उजाला