प्रयागराज : इस बार दो दिन हो सकती है पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा, आयोग को नहीं मिल रहे पर्याप्त केंद्र
आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक की घटना के बाद शासन ने केंद्र निर्धारण के नियम काफी सख्त कर दिए हैं। निजी स्कूल-कॉलेजों को केंद्र बनाने पर रोक लगा दी गई है। साथ ही शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर अभ्यर्थियों की संख्या पांच लाख से अधिक है तो परीक्षा दो दिन में संपन्न कराई जा सकती है।
विस्तारवॉट्सऐप चैनल फॉलो करें
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) इस बार सम्मिलित राज्य प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस)-2024 की प्रारंभिक परीक्षा दो दिन करा सकता है। परीक्षा केंद्रों की पर्याप्त संख्या में व्यवस्था न हो पाने के कारण ऐसा किया जा सकता है। हालांकि, आयोग एक ही दिन में परीक्षा कराने के लिए केंद्रों की व्यवस्था करने में जुटा है।
आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक की घटना के बाद शासन ने केंद्र निर्धारण के नियम काफी सख्त कर दिए हैं। निजी स्कूल-कॉलेजों को केंद्र बनाने पर रोक लगा दी गई है। साथ ही शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर अभ्यर्थियों की संख्या पांच लाख से अधिक है तो परीक्षा दो दिन में संपन्न कराई जा सकती है। पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 के लिए अब पर्याप्त संख्या में केंद्रों की व्यवस्था नहीं हो पा रही है।
ऐसे में परीक्षा 26 एवं 27 अक्तूबर को दो पालियों में सुबह 9.30 से 11.30 और अपराह्न 2.30 से 4.30 बजे तक कराई जा सकती है। हालांकि, आयोग के कैलेंडर में यह परीक्षा 27 अक्तूबर को प्रस्तावित है लेकिन पर्याप्त केंद्रों की कमी के कारण आयोग ने दो दिन परीक्षा कराने का विकल्प भी तैयार कर रखा है। फिलहाल, आयोग का प्रयास यही है कि परीक्षा एक दिन में ही करा ली जाए।
576757 अभ्यर्थियों की होनी है परीक्षा
आयोग के सचिव अशोक कुमार की ओर से 27 अक्तूबर को परीक्षा कराने के लिए सभी जिलाधिकारियों से परीक्षा केंद्रों की सहमति उपलब्ध कराने की अपेक्षा की गई थी, लेकिन आवेदन करने वाले 576154 अभ्यर्थियों के लिए अब तक पर्याप्त संख्या में केंद्रों की सहमति नहीं मिल सकी है। सचिव ने सभी डीएम को पत्र भेजकर कहा है कि जिन विद्यालयों की सहमति 27 अक्तूबर के लिए उपलब्ध गई है, उन्हीं विद्यालयों की सहमति 26 अक्तूबर के लिए भी अनिवार्य रूप से 18 सितंबर तक उपलब्ध करा दी जाए।
सूत्रों का कहना है कि आयोग की प्राथमिकता एक ही दिन परीक्षा संपन्न कराने की है। इसके लिए विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और इंजीनियरिंग कॉलेजों से संपर्क किया जा रहा है, ताकि उन्हें केंद्र बनाया जा सके। अगर निश्चित समयावधि में केंद्रों की व्यवस्था हो जाती है तो परीक्षा एक दिन में करा ली जाएगी, वरना आयोग ने दो दिन में भी परीक्षा कराने का विकल्प भी रखा है।