महराजगंज : राष्ट्रीय मध्याह्न भोजन रसोइया फ्रंट के बैनर तले समस्या गिनाते हुए रसोइया को समय से मानदेय देने के साथ-साथ 10 की जगह 11 माह का मानदेय देने के लिए आवाज की बुलंद
महराजगंज। शुक्रवार को विद्यालयों में कार्यरत रसोइया का सम्मेलन कलक्ट्रेट परिसर में आयोजित हुआ। राष्ट्रीय मध्याह्न भोजन रसोइया फ्रंट के बैनर तले समस्या गिनाते हुए रसोइया को समय से मानदेय उपलब्ध कराने के साथ-साथ 10 की जगह 11 माह का मानदेय उपलब्ध कराने के लिए आवाज बुलंद की। सम्मेलन के बाद विभिन्न मांग को लेकर डीएम को ज्ञापन सौंपा।
संगठन की जिलाध्यक्ष संध्या देवी की अगुवाई में कलक्ट्रेट परिसर में रसोइया संगठन के लोग सम्मेलन में एकत्रित हुए। जिलाध्यक्ष ने कहा कि जनपद में 5500 रसोइया विभिन्न स्कूलों में तैनात हैं, लेकिन विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से रसोइया को कार्यमुक्त कर दिया जाता है। समय से हम लोगों का मानदेय नहीं दिया जाता और 11 माह काम करवाकर सिर्फ 10 माह का मानदेय दिया जाता है।
आखिर हमारी क्या गलती है जो हमारे साथ यह व्यवहार किया जा रहा है। संगठन के राष्ट्रीय संयोजक रमेश चंद्रा ने कहा कि सरकार ने कहा कि शिक्षामंत्री ने 11 माह का मानदेय देने की बात स्वीकार कर ली है जिसके लिए संगठन उनका आभार व्यक्त करता है। जिला संरक्षक राजेंद्र ने कहा कि हम लोगों को उम्मीद है कि दीपावली से पहले सरकार हमारा मानदेय बढ़ाने के संदर्भ में निर्णय ले सकती है। अगर सरकार हमारी समस्या पर ध्यान देती है तो हम सरकार के प्रति निष्ठावान बने रहेंगे।
रामसेवक ने विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर निकाली गई रसोइया को वापस लेने की मांग की। स्कूल में भोजन पकाकर खिलाने के बाद अन्य कोई कार्य न लिया जाए। आंगनबाड़ी के विद्यार्थियों के लिए भोजन देने की मजदूरी 2 रुपये प्रति विद्यार्थी की जाए जो महज 50 पैसे है। लकड़ी पर भोजन पकाने की व्यवस्था सभी स्कूलों में बंद कर गैस चूल्हा प्रदान किया जाए। सम्मेलन में मांगों पर चर्चा करने के उपरांत डीएम को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर रामलाल, रामसेवक, पाना देवी, गायत्री, इंदू, ज्ञानती, दिनेश, बिंदु, मीरा, सुनीता, श्रीराम, बाल्मीकि, गीता, खुश्बू मौजूद रहीं।
संगठन की जिलाध्यक्ष संध्या देवी की अगुवाई में कलक्ट्रेट परिसर में रसोइया संगठन के लोग सम्मेलन में एकत्रित हुए। जिलाध्यक्ष ने कहा कि जनपद में 5500 रसोइया विभिन्न स्कूलों में तैनात हैं, लेकिन विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से रसोइया को कार्यमुक्त कर दिया जाता है। समय से हम लोगों का मानदेय नहीं दिया जाता और 11 माह काम करवाकर सिर्फ 10 माह का मानदेय दिया जाता है।
रामसेवक ने विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर निकाली गई रसोइया को वापस लेने की मांग की। स्कूल में भोजन पकाकर खिलाने के बाद अन्य कोई कार्य न लिया जाए। आंगनबाड़ी के विद्यार्थियों के लिए भोजन देने की मजदूरी 2 रुपये प्रति विद्यार्थी की जाए जो महज 50 पैसे है। लकड़ी पर भोजन पकाने की व्यवस्था सभी स्कूलों में बंद कर गैस चूल्हा प्रदान किया जाए। सम्मेलन में मांगों पर चर्चा करने के उपरांत डीएम को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर रामलाल, रामसेवक, पाना देवी, गायत्री, इंदू, ज्ञानती, दिनेश, बिंदु, मीरा, सुनीता, श्रीराम, बाल्मीकि, गीता, खुश्बू मौजूद रहीं।