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सिद्धार्थनगर : स्कूल में अभिलेख बंद, 300 बच्चों के अभिभावकों को सता रही चिंता

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सिद्धार्थनगर : स्कूल में अभिलेख बंद, 300 बच्चों के अभिभावकों को सता रही चिंता

- फीस के लिए बच्चों को धूप में बैठाने के मामले में हुई थी कार्रवाई
- इटवा कस्बे के एक निजी विद्यालय में पांच दिन पहले हुई थी घटना

शाहपुर। इटवा कस्बे के निजी स्कूल में फीस के लिए बच्चों को धूप में बैठाने का वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने स्कूल सील कर दिया है। साथ ही बीडीओ की तहरीर पर मुकदमा भी दर्ज हुआ था। साथ ही यहां पढ़ने वाले बच्चों को दूसरे स्कूल में प्रवेश कराने का निर्देश दिया था। लेकिन उनके सभी अभिलेख विद्यालय में बंद होने से दूसरे स्कूल में प्रवेश होने में मुश्किल हो रही है। इससे अभिभावकों को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी है।

नगर पंचायत इटवा में श्यामराजी हाई स्कूल बरगदवा पिछले कई वर्षों से संचालित था। कुछ दिन पूर्व इस स्कूल के बच्चों का एक वीडियो वायरल हुआ। जिसमें फीस न जमा होने पर बच्चों को बाहर धूप में बैठाया गया था। मामले में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए एसडीएम के नेतृत्व में स्कूल सील कर दिया। साथ ही स्कूल संचालक पर मुकदमा भी दर्ज कराया गया। स्कूल संचालक शैलेश कुमार त्रिपाठी ने कहा हमारे विद्यालय में कक्षा एक से लेकर 8 तक करीब 300 छात्र-छात्राओं का नामांकन हुआ था। अभिभावकों का कहना है कि दो वर्ष तक बगैर रजिस्ट्रेशन के स्कूल चल रहा था, तो इसमें किसकी लापरवाही है।

कहीं न कहीं शिक्षा विभाग के लोग जिम्मेदार है, उन पर कब कार्रवाई होगी। वह स्कूल बंद होने से बच्चों के पढ़ाई को लेकर परेशान दिखे। नगर पंचायत इटवा के वार्ड नंबर 13 पंडित दीनदयाल नगर (गेनवरीया) निवासी रामजी ने कहा हमारे घर के भी दो बच्चे पढ़ रहे थे, एक कक्षा 10 तो दूसरी कक्षा 12 में है। लेकिन अभी तक उनके दूसरी जगह प्रवेश के लिए मुझसे कोई नहीं संपर्क किया गया। हालांकि उनका रजिस्ट्रेशन दूसरे स्कूल में हुआ, लेकिन यहां पढ़ रहे थे। अब स्कूल बंद होने से बच्चों को प्राइवेट में ट्यूशन करना पड़ेगा।


अभिभावक बोले कही साल न खराब हो जाए
गेनवरिया निवासी अनिल कसौधन ने कहा उनकी पुत्री उसी स्कूल में पढ़ रही थी, पर स्कूल बंद होने के बाद वह घर पर ही पढ़ रही है। बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता सता रही है। कहीं यह पूरा साल खराब ना हो जाए। ग्राम पिपरा छंगत के पूर्व प्रधान अब्दुल हलीम ने कहा हमारी लड़की कक्षा आठ में पढ़ती थी। हम तो हर माह बच्चों का फीस जमा कर देते थे। लेकिन स्कूल बंद होने से बच्चों के पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। अब तक किसी अधिकारी ने बच्चों के नामांकन के लिए संपर्क नहीं किया है।

अभिभावकों से संपर्क कर कराया जाएगा प्रवेश
बीईओ ओपी मिश्रा ने बताया विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की पूरी संख्या पता करने के लिए स्कूल संचालक से संपर्क करने की कोशिश की गई पर नहीं हो सका। इसलिए निर्धारित संख्या नहीं बता सकता लेकिन करीब 300 से 400 बच्चे स्कूल में पढ़ रहे होंगे। एक सप्ताह के भीतर उनके अभिभावकों से संपर्क कर उनके सहमति पर सभी विद्यार्थियों का नाम नजदीकी स्कूलों में नामांकन कराया जाएगा। लेकिन कक्षा नौ से 12 तक के बच्चों के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है कि कितने बच्चे पढ़ते थे।

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