सिद्धार्थनगर : शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़ेंगे 9467 आउट ऑफ स्कूल बच्चे, सत्र 2024-25 में पूरे जिले में चिह्नित किए गए स्कूल न जाने वाले बच्चे
सभी बच्चों को निशुल्क वितरित किया जा रहा
बच्चों को निपुण बनाने के लिए प्रशिक्षित होंगे नोडल शिक्षक
सिद्धार्थनगर। स्कूल न जाने वाले बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा। इसके तहत आउट ऑफ स्कूल बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए बजट जारी किया गया है। इन धनराशि से बच्चों की पढ़ाई के लिए कापियां, पेंसिंल, रबर, कटर व ज्यामेट्री बाक्स के साथ ही पाठ्य पुस्तकें खरीदी जाएंगी। इस पहल से जिले के 9467 आउट ऑफ स्कूल बच्चे लाभान्वित होंगे।
परिषदीय स्कूलों में पंजीकृत हुए आउट आफ स्कूल बच्चों को अब शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए शासन स्तर से योजना संचालित की गई है। पारिवारिक दिक्कत या फिर किसी कारणवश तमाम बच्चे बीच में शिक्षा छोड़ देते हैं। ऐसे में आउट आफ स्कूल (सात से 14 वर्ष) के बच्चों को फिर से शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने को लेकर शासन पूरी तरह से गंभीर है। सर्वे में सत्र 2024-25 में 9467 बच्चे ऐसे चिह्नित किए गए हैं जिन्होंने एक-दो वर्ष बाद या फिर कक्षा पांच-छह में पहुंचने के बाद विद्यालय से किनारा कर लिया था। इनके अभिभावकों को प्रेरित कर फिर से इनका नामांकन नजदीकी परिषदीय स्कूलों में कराया गया।इन बच्चों को अन्य बच्चों के सापेक्ष तैयार करने के लिए शासन ने अलग के विशेष प्रशिक्षण देने की योजना शुरू की है। समग्र शिक्षा अभियान के सामुदायिक शिक्षा के जिला समन्वयक अमित शुक्ल ने बताया कि इन बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए संघनित पाठ्य-पुस्तक की उपलब्धता कराई जा रही है। इसके लिए नोडल शिक्षकों का प्रशिक्षण भी कराया जाएगा। यह शिक्षक इन बच्चों पर विशेष निगरानी रखते हुए शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने की सार्थक पहल करेंगे।
आउट ऑफ स्कूल बच्चों की संख्या
बांसी 796
बढ़नी 442
भनवापुर 653
बर्डपुर 568
डुमरियागंज 1071
इटवा 778
जोगिया 539
खेसरहा 651
खुनियांव 766
लोटन 587
मिठवल 899
नौगढ़ 637
शोहरतगढ़ 525
उस्का बाजार 555
जिले में 9467 आउट ऑफ स्कूल बच्चों को चिन्हित किया गया है। इन बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए शासन द्वारा कार्ययोजना तैयार की गई है। इसमें बच्चों के लिए शिक्षण सामग्री तैयार करने से लेकर, शिक्षकों के प्रशिक्षण, विद्यार्थियों के लिए अतिरिक्त पुस्तकें खरीदने के लिए बजट जारी किया गया है। आउट ऑफ स्कूल बच्चों को अब शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ कर स्कूल जाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
- देवेंद्र कुमार पांडेय, बीएसए