प्रयागराज : कैलेंडर में शामिल परीक्षाएं टलीं तो नई भर्तियां भी फंस जाएंगी, पुरानी भर्तियों का रास्ता साफ होने के बाद ही नए विज्ञापन जारी करने की तैयारी
यूपीपीएससी को आधा दर्जन भर्तियों के लिए काफी पहले मिल चुके हैं अधियाचन
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के कैलेंडर में शामिल पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 समय से कराई जा सकेगी या नहीं, इस पर असमंजस बना हुआ है। अगर ये परीक्षाएं टलती हैं तो नई भर्तियों का फंसना भी तय है। आयोग के पास आधा दर्जन नई भर्तियों के अधियाचन पड़े हैं।
पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 आयोग के कैलेंडर में 27 अक्तूबर 2024 को प्रस्तावित है। पर्याप्त संख्या में परीक्षा केंद्र उपलब्ध न हो पाने और परीक्षा संबंधी नए अध्यादेश को मंजूरी मिलने के इंतजार में इस परीक्षा के टलने के आसार हैं। वहीं, आयोग के कैलेंडर में 22 दिसंबर 2024 को प्रस्तावित समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा-2023 भी तय पर हो सकेगी या नहीं, इस पर उहापोह की स्थिति है।
आरओ/एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा योजना में संशोधन के बाद यह परीक्षा भी अब एक दिन में नहीं कराई जा सकेगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अगर प्रदेश के सभी जिलों में केंद्र बनाता है तो भी परीक्षार्थियों की संख्या के हिसाब से परीक्षा कराने में दो दिन लगेंगे। इन परिस्थितियों में अगर आयोग को प्रमुख परीक्षाएं टालनी पड़ती हैं तो इसका प्रभाव उन भर्तियों पर भी पड़ेगा, जिनके अधियाचन आयोग को मिल चुके हैं।
आयोग को एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए छह हजार से अधिक पदों, राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए साढ़े तीन सौ पदों और राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता भर्ती के लिए तकरीबन एक हजार पदों के अधियाचन काफी पहले मिल चुके हैं। इसके साथ ही सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा, खंड शिक्षा अधिकारी परीक्षा एवं अन्य भर्ती परीक्षाओं के लिए भी आयोग को रिक्त पदों के अधियाचन मिल चुके हैं। 11 फरवरी 2024 को हुई आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 में अगर पेपर लीक का विवाद सामने न आता तो आयोग के कैलेंडर में शामिल बाकी परीक्षाओं का आयोजन भी समय से हो जाता। ऐसे में नई भर्तियां शुरू करने का रास्ता साफ हो जाता। आयोग के सूत्रों का कहना है कि पुरानी भर्तियां पूरी होने के बा ही नई भर्तियां शुरू किए जाने की तैयारी है।