एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़े

अमरोहा अमेठी अम्बेडकरनगर अयोध्या अलीगढ़ इलाहाबाद उत्तर प्रदेश उन्नाव कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर गाजियाबाद गाजीपुर गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट छत्तीसगढ़ जनपदवार खबरें जालौन जूनियर शिक्षक संघ जौनपुर झांसी झारखण्ड देवरिया देवीपाटन देहरादून नई दिल्ली पंजाब पटना पडरौना पीलीभीत प्रतापगढ़ प्रयागराज प्राथमिक शिक्षक संघ फतेहपुर फरीदाबाद फर्जीवाड़ा फर्रुखाबाद फिरोजाबाद बदायूं बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बांदा बागपत बाराबंकी बिजनौर बिहार बुलंदशहर मथुरा मध्यप्रदेश महराजगंज महोबा मिर्जापुर मुंबई मुजफ्फरनगर मुरादाबाद राजस्थान रामपुर रायबरेली लखनऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शाहजहांपुर शिमला श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सन्तकबीरनगर सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हरियाणा हाथरस हापुड़ हिमांचल

Search Your City

कुशीनगर : पंजीकरण के सापेक्ष छात्र-छात्राओं की कम उपस्थिति को लेकर सख्ती, स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाने के लिए बच्चों के घर जाएंगे शिक्षक

0 comments

कुशीनगर : पंजीकरण के सापेक्ष छात्र-छात्राओं की कम उपस्थिति को लेकर सख्ती, स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाने के लिए बच्चों के घर जाएंगे शिक्षक

पडरौना। परिषदीय स्कूलों में पंजीकरण के सापेक्ष छात्र-छात्राओं की कम उपस्थिति को लेकर सख्ती बरती जा रही है। शासन ने उपस्थिति बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। शिक्षकों को डोर-टू-डोर अभियान चलाकर अभिभावकों से बात कर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करना होगा।

जिले में 2464 परिषदीय विद्यालय हैं। इनमें करीब तीन लाख से बच्चे पंजीकृत हैं। नए शैक्षिक सत्र से पूर्व बच्चों का अधिक से अधिक पंजीकरण कराने पर विभाग का फोकस रहा। बच्चों की संख्या में इजाफा भी हुआ, लेकिन अब बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं। विद्यालय में शत-प्रतिशत उपस्थिति के लिए विभाग की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। विद्यालय के निरीक्षण के दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारी विद्यालय में नामांकन के सापेक्ष छात्रों को उपस्थिति बढ़ाने के लिए दबाव बनाए हैं। इसके बाद भी कई ऐसे स्कूल हैं, जहां 70 प्रतिशत से भी कम बच्चे उपस्थित हो रहे हैं। कई स्कूलों में मात्र 40 से 50 प्रतिशत बच्चे ही स्कूल पहुंच रहे हैं। शासन ने इसका संज्ञान लिया है। शिक्षकों को डोर-टू-डोर अभियान चलाकर विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

सभी बीईओ समेत प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक, शिक्षकों को निर्देशित किया जा चुका है। वह छात्र-छात्राओं की संख्या को बढ़ाने के लिए घर-घर पहुंचकर अभिभावकों से बातचीत करते हुए बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करें। - डॉ. रामजियावन मौर्या, बीएसए।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।