प्रयागराज : पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षा मामले में एकजुट प्रतियोगी छात्रों ने कैंडल मार्च निकाल कर जताया जमकर विरोध, एक ही दिन में परीक्षा की मांग
एक दिन की परीक्षा के लिए प्रतियोगी एकजुट, निकाला गया कैंडल मार्च, पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराए जाने के प्रस्ताव का जमकर हुआ विरोध
प्रयागराज। पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में कराए जाने की मांग को लेकर सैकड़ों अभ्यर्थियों ने शनिवार शाम कैंडल मार्च निकाला। दो दिन परीक्षा कराए जाने के प्रस्ताव पर अपना विरोध दर्ज कराया। अभ्यर्थियों का दावा है कि दो दिन परीक्षा कराने पर नॉर्मलाइजेशन होने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा।
कुछ दिनों पहले अभ्यर्थियों ने इसी मुद्दे पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने छह घंटे तक धरना-प्रदर्शन और चक्काजाम किया था। आयोग की तरफ से अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया था कि जल्द ही परीक्षा केंद्र निर्धारण कर लिया जाएगा और अभ्यर्थियों को आयोग के निर्णय से अवगत करा दिया जाएगा। समय सीमा बीतने पर अभ्यर्थियों शनिवार को कैंडल मार्च निकाला।
मनमोहन पार्क चौराहे पर शनिवार शाम छह बजे सात सौ से अभ्यर्थी जुटे और हिंदू हॉस्टल चौराहे की तरफ चल पड़े। अभ्यर्थियों ने सिविल लाइंस में सुभाष चौराहे तक कैंडल मार्च निकालने का निर्णय लिया था लेकिन हिंदू हॉस्टल चौराहे पर पहुंचते ही पुलिस ने उन्हें आगे जाने से रोक दिया। त्योहार पर भीड़भाड़ के मद्देनजर पुलिस ने छात्रों को कैंडल मार्च वहीं समाप्त करने के लिए कहा।
इसके बाद पांच छात्रों ने हिंदू हॉस्टल चौराहे पर स्थित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर मल्यार्पण किया और तय किया गया कि जल्द ही आंदोलन के अगले चरण की रूपरेखा तैयार की जाएगी। अभ्यर्थियों ने कहा कि अगर एक पेपर की अलग-अलग परीक्षा होती है और अभ्यर्थियों के एक समान मूल्यांकन के लिए नामॅलाइजेशन (मानकीकरण) किया जाता है तो भर्ती में भ्रष्टाचार की आशंका बनी रहेगी।
आखिर दो दिन की परीक्षा में आयोग यह कैसे तय सकता है कि सामान्य अध्ययन के पेपर की दो अलग-अलग परीक्षाओं में दोनों ही प्रश्नपत्रों का स्तर एक समान है। ऐसे में नॉर्मलाइजेशन के नाम पर अभ्यर्थियों को मिले अंकों को घटाया या बढ़ाया जाएगा और जिस परीक्षा में एक अंक के अंतर से अभ्यर्थी सफल और असफल होते हैं, वहां अंकों से छेड़छाड़ योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय करने जैसा होगा।