लखनऊ : डिजिटलाइजेशन पर फिर खोला मोर्चा, जनपदों में छात्रों की उपस्थिति और अन्य कार्य डिजिटल माध्यम से कराए जाने के लिए दबाव बनाने का प्राथमिक शिक्षक संघ ने किया विरोध
लखनऊ । बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में डिजिटल प्रक्रिया (डिजिटलाइजेशन) के खिलाफ शिक्षक संघ ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। संगठन के अध्यक्ष सुशील कुमार पाण्डेय द्वारा मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन को संबोधित ज्ञापन में यह मांग उठाई गई है कि जनपदीय अधिकारियों द्वारा शिक्षकों पर छात्र-छात्राओं की उपस्थिति और अन्य कार्य डिजिटल माध्यम से कराए जाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, जो कि जुलाई 2024 के निर्देशों के विपरीत है।
ज्ञापन में इस बात का उल्लेख किया गया है कि 16 जुलाई 2024 को प्रदेश के विभिन्न जिलों में डिजिटल प्रक्रियाओं पर पूर्ण रूप से रोक लगाने का निर्देश जारी किया गया था। इसके बावजूद अयोध्या, सुल्तानपुर, अमेठी, बलरामपुर जैसे जनपदों में शिक्षकों पर डिजिटल प्रक्रिया के तहत कार्य करवाने का दबाव डाला जा रहा है। संगठन ने इस दबाव के चलते शिक्षकों के बीच बढ़ रहे रोष का हवाला देते हुए बताया कि इससे प्रदेश के कई विद्यालयों में पठन-पाठन की प्रक्रिया बाधित हो रही है।
शिक्षकों ने डिजिटल प्रक्रिया की चुनौतियों को लेकर पहले भी विरोध जताया था, जिसमें ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों के विद्यालयों में समुचित संसाधनों की कमी और कार्य संचालन में आने वाली दिक्कतें प्रमुख रूप से सामने आई थीं। शिक्षक संघ का कहना है कि बिना पर्याप्त संसाधनों और प्रशिक्षण के इस प्रक्रिया को लागू करना शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए हानिकारक साबित हो रहा है।
शिक्षक संघ ने मुख्य सचिव से मांग की है कि वे पुनः इस मुद्दे पर सख्त निर्देश जारी करें ताकि डिजिटल प्रक्रिया पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके और शिक्षकों के बीच उत्पन्न हो रहे भय और असंतोष को समाप्त किया जा सके।
दिनांक 16 जुलाई 2024 के क्रम में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में डिजिटल प्रक्रिया (डिजिटलाइजेशन) पर पूर्ण रोक लगाए जाने के बावजूद विभिन्न जनपदों में जनपदीय व विभागीय अधिकारियों द्वारा परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल प्रक्रिया के तहत छात्र -छत्राओं की उपस्थिति व विद्यालय में अन्य कार्य को डिजिटल कार्य किए जाने संबंधी निर्देश पर पूर्ण रोक लगाए जाने के संबंध में।