लखीमपुर-खीरी : जिले में संचालित परिषदीय विद्यालयों में वाटिकाएं (किचन गार्डन) होंगे विकसित, स्कूलों के बच्चे सीखेंगे बागवानी के गुर
लखीमपुर खीरी। जिले में संचालित परिषदीय विद्यालयों में वाटिकाएं (किचन गार्डन) विकसित की जाएंगी। इनके माध्यम से बच्चों को बागवानी के गुर सिखाएं जाएंगे। इसको लेकर विभाग को ग्रांट जारी कर दी गई है। हर प्राथमिक विद्यालय को पांच हजार रुपये की धनराशि दी गई है।
परिषदीय विद्यालयों को निजी विद्यालयों की तर्ज पर व्यवस्थित किया जा रहा है। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में किचन गार्डन बनाया जाना है। इससे स्कूल परिसर हरा भरा दिखने के साथ ही साथ ही बच्चों को फसलों के प्रकार, फसल चक्र आदि का ज्ञान मिलेगा। साथ ही वे पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक होंगे। इन किचन गार्डनों में लौकी, तोरई, करेला, गंगाफल, भिंडी जैसी मौसमी सब्जियां उगाई जाएंगी। वहीं फलों में केला, पपीता, अनार और अमरूद के पौधे लगाए जाएंगे। वाटिका के रखरखाव के लिए प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। विद्यार्थियों की मदद से ही इसे संवारा जाएगा।
बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पर्यावरण के प्रति सजग करने के लिए जागरूक किया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण के प्रति शुरुआत से ही जिम्मेदारी का भाव पैदा हो। इसलिए यह पहल की जा रही है। न्याय पंचायत व ब्लाॅक स्तर पर अच्छी वाटिकाओं को सूचीबद्ध किया जाएगा। शिक्षक व छात्र इसके माध्यम से किस तरह के प्रयोग कर रहे हैं। इसकी जानकारी दूसरे विद्यालयों को भी दी जाएगी। वाटिकाओं की निगरानी शासन स्तर से की जाएगी। स्कूलों का स्थलीय निरीक्षण करते हुए इनका सत्यापन किया जाएगा।
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एमडीएम में सब्जियों का होगा प्रयोग
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि स्कूलों पैदा होने वाली सब्जियों को बच्चों के लिए बनने वाले एमडीएम में प्रयोग किया जाएगा। इससे बच्चों को ताजी सब्जियों का स्वाद मिलेगा, वहीं बच्चों को कौन सी सब्जी कब पैदा होती है, फलों के सीजन के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी।