अमरोहा : तन्हाई में लिखते रहे दिल का दर्द, हमें पता भी नहीं, परिवार के लोग भी आखिरी वक्त तक उन सभी बातों से रहे अंजान
गजरौला, संवाददाता। स्कूल के ऑफिस में आत्मघाती कदम उठाकर चौकाने वाले प्रधानाध्यापक संजीव कुमार बेहद खामोश मिजाज थे। उनके दिल-ओ-दिमाग में जो कुछ चल रहा था परिवार के लोग भी आखिरी वक्त तक उन सभी बातों से अंजान रहे। तनाव के समंदर का पानी सिर के ऊपर से उतरने के बाद अपनी जिंदगी का किस्सा खत्म करने की जिद ठान चुके संजीव कुमार ने एक दिन पहले स्कूल से अवकाश भी लिया था। इसके बाद वह पूरे दिन घर में रहे और फिर तन्हाई में बैठकर रजिस्टर के 18 पन्नों पर अपने दिल का सारा दर्द और गुबार लिख डाला।
बहरहाल, डीएम स्तर से गठित जांच कमेटी ने बुधवार को जहां इस मामले में गहराई से जांच शुरू कर कर दें दी है तो वहीं पुलिस ने भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद अपनी तफ्तीश को सिलसिलेवार तरीके से आगे बढ़ाना शुरू किया है। हालांकि, 18 पन्नों वाला वह रजिस्टर इस वक्त कहां और किसके पास है फिलहाल इसका कुछ पता नहीं चल सका है।
बताया जा रहा है कि आत्महत्या करने से एक दिन पहले यानि सोमवार को प्रधानाध्यापक ने स्कूल से अवकाश लिया था। उनकी पत्नी गीता देवी के मुताबिक सोमवार को छुट्टी पर रहने के बाद भी वह तन्हाई में बैठकर दिनभर रजिस्टर में कुछ लिखते रहे। हिम्मत करते हुए पूछने पर संजीव कुमार ने सिर्फ इतना ही बताया कि स्कूल का काम कर रहा हूं। रजिस्टर के 18 पेज से ही प्रधानाध्यापक के आत्मघाती कदम उठाने के पीछे छिपे राज का खुलासा हो सकता है। बीईओ आरती गुप्ता ने आत्महत्या से एक दिन पहले संजीव कुमार के अवकाश लेने की पुष्टि की है हालांकि 18 पेज वाले रजिस्टर के बारे में कुछ भी जानकारी होने से इनकार किया है।