- गाजियाबाद : 12वीं तक के स्कूल बंद, जिले में 20 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश
गाजियाबाद जिले में स्कूलों को बंद कर दिया गया है। प्रदूषण (Air Pollution) के चलते अगले आदेश तक कक्षाएं ऑनलाइन चलेंगी। वहीं गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव भी होना है जिसके चलते 20 नवंबर को अवकाश भी रहेगा। जिलाधिकारी ने सोमवार को देर रात प्रदूषण के चलते ऑनलाइन कक्षाएं चलाने का आदेश जारी किया था।
गाजियाबाद में 12वीं तक के स्कूल बंद।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। गाजियाबाद जिले में स्कूलों को बंद कर दिया गया है। हालांकि कक्षाएं ऑनलाइन चलेंगी। प्रदूषण के चलते यह फैसला लिया गया है। वहीं, 20 नवंबर को स्कूलों का अवकाश रहेगा, क्योंकि गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने को हैं।
20 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश
20 नवंबर (बुधवार) को मतदान के मद्देनजर जिले में सार्वजनिक अवकाश है। ऐसे में बुधवार को जिले में स्कूलों के साथ ही सभी औद्योगिक इकाइयों और सरकारी कार्यालयों में अवकाश रहेगा।
जिले में प्रदूषण से स्थिति बेहद गंभीर
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी यादव ने बताया कि प्रदूषण के चलते ऑनलाइन कक्षाएं चलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के क्रम में यह निर्णय लिया गया है। पिछले कई दिनों से वायु प्रदूषण बेहद गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। ऐसे में बच्चों की सेहत सबसे अधिक प्रभावित हो रही है। स्कूलों में सुबह को बच्चों को छोड़ने जाने वाले अभिभावक भी बेहद परेशान है।बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि यूपी बोर्ड, सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के सभी कक्षा एक से लेकर 12वीं तक के स्कूलों में इसी को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने के निर्देश जारी कर दिए गए।
स्कूल वाहन रहेंगे व्यस्त
जिला निर्वाचन अधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने बताया कि उपचुनाव में स्कूलों को मतदान केंद्र बनाया गया है। स्कूली वाहनों को पोलिंग पार्टियों की रवानगी और उनको मतदान संपन्न होने के बाद वापस लेकर आने के लिए लगाया गया है। इस वजह से 12वीं तक के स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेज चलेंगी, विद्यार्थी स्कूल नहीं जाएंगे। 20 नवंबर को जिले में सार्वजनिक अवकाश है।जिले में कितना रहा एक्यूआई
सोमवार को जिले में सर्वोच्च स्तर पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 446 दर्ज किया गया। बुजुर्ग और अस्थमा के मरीज घर से कैद हुए। अति आवश्यक कार्य होने पर मास्क लगाकर बाहर निकले। धुंध के कारण सूरज की किरणें भूमि को नहीं छू सकीं। वहीं, जिले में लोनी में सबसे अधिक एक्यूआई 483 दर्ज किया गया।
सर्दी बढ़ने के साथ ही प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। जहरीली हवा से लाखों लोगों का दम घुट रहा है। इसके बाद भी अधिकारी कार्रवाई के नाम पर केवल खुले में निर्माण सामग्री बेचने वालों पर जुर्माना लगाकर पल्ला झाड़ रहे हैं। लोनी में प्रदूषण का मुख्य कारण अवैध फैक्ट्रियों का संचालन व ई-वेस्ट जलाने को माना जा रहा।
सर्दी बढ़ने के साथ ही प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। जहरीली हवा से लाखों लोगों का दम घुट रहा है। इसके बाद भी अधिकारी कार्रवाई के नाम पर केवल खुले में निर्माण सामग्री बेचने वालों पर जुर्माना लगाकर पल्ला झाड़ रहे हैं। लोनी में प्रदूषण का मुख्य कारण अवैध फैक्ट्रियों का संचालन व ई-वेस्ट जलाने को माना जा रहा।
आभार साभार-दैनिक जागरण