महराजगंज : राज्य परियोजना कार्यालय से जारी होंगे प्रश्नपत्र, मुद्रण जिम्मेदारी डायट को, 1705 स्कूलों के 2.46 लाख विद्यार्थी देंगे ओएमआर शीट पर परीक्षा
- महीने के अंतिम सप्ताह में होनी है निपुण असेसमेंट टेस्ट,
- 1705 स्कूलों के 2.46 लाख विद्यार्थी देंगे ओएमआर शीट पर परीक्षा
महराजगंज। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारियों के साथ कार्यालय परिसर में बैठक की। निपुण असेसमेंट टेस्ट की सफलता के लिए जरूरी निर्देश देते हुए सभी स्कूलों में विद्यार्थियों को अभ्यास कराने पर जोर दिया। साथ ही सभी शिक्षकों के मोबाइल फोन परख एप डाउनलोड कराते हुए इसके प्रयोग की जानकारी देने के लिए निर्देशित किया।
बेसिक शिक्षा अधिकारी श्रवण गुप्ता ने कहा कि महीने के आखिरी में यह परीक्षा दो दिन सभी स्कूलों में ओएमआर शीट पर होनी है। इस परीक्षा में 2.46 लाख विद्यार्थी हिस्सा लेंगे। सभी स्कूलों में विद्यार्थियों से अभ्यास कराएं कि ओएमआर शीट पर परीक्षा कैसे देनी है। कक्षा तीन तक के विद्यार्थियों के ओएमआर शीट को शिक्षक बच्चों से जवाब लेकर खुद भरेंगे। कक्षा चार व पांच के विद्यार्थियों के लिए कक्षा चार और पांच में हिंदी, गणित, अंग्रेजी और पर्यावरण अध्ययन से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे। कक्षा छह से आठ के छात्रों की हिंदी, गणित, अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान के प्रश्न पूछे जाएंगे। परीक्षा दो घंटे के भीतर पूरी कराकर ओएमआर शीट एप पर अपलोड करनी होगी। बीआरसी पर डायट से दो दिन पहले प्रश्नपत्र पहुंच जाएंगे, जिसके बाद की जिम्मेदारी बीईओ की होगी। परीक्षा के दिन सभी स्कूलों में प्रश्न पत्र पहुंचाने की व्यवस्था अभी से करें।
गठित कराएं समिति स्कूलों से प्राप्त करें उपभोग प्रपत्र-
- बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी स्कूलों में 30 नवंबर तक नई प्रबंध समिति का गठन पूर्ण कराकर कार्यालय को सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। स्कूलों को दी जाने वाली कंपोजिट ग्रांट की अवशेष धनराशि नई समिति के खाते में ही भेजी जाएगी। 25 प्रतिशत धनराशि स्कूलों में सत्र शुरू होते ही भेज दी गई थी। दिसंबर में 25 प्रतिशत धनराशि और भेजने की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन जरूरी यह है कि सभी स्कूलों की नई समिति इससे पहले गठित कराएं, क्योंकि मौजूदा समितियों का कार्यकाल नवंबर में ही समाप्त हो रहा है। स्कूल में 100 विद्यार्थियों पर 25 हजार रुपये का कंपोजिट ग्रांट मिलनी है, जितनी रकम भेजी जा चुकी है, उसका उपभोग प्रमाणपत्र स्कूलों से प्राप्त कर लें। बैठक में सभी विकास खंडों के बीईओ मौजूद रहे।