लखनऊ : 2004 बैच के विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों को पुरानी पेंशन के मुद्दे को लेकर हुई बैठक, न्यायिक बाधाओं को दूर करने का हर संभव प्रयास करने का मिला आश्वासन
लखनऊ: राज्य के 2004 बैच के विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों की पेंशन संबंधी समस्या पर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में बिशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल, पांच सम्मानित विधान परिषद सदस्यों और बेसिक शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य उन शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन की मांग को आगे बढ़ाना था, जिन्हें पिछले 18 वर्षों से इसका इंतजार है।
बैठक के दौरान प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा, डॉ. एम.के. शन्मुगा सुन्दरम्, और अन्य अधिकारियों ने शिक्षकों की पुरानी पेंशन के रास्ते में आ रही कानूनी बाधाओं पर विस्तार से जानकारी दी। इस मामले में कानूनी अड़चनों का हवाला देते हुए विभागीय अधिकारियों ने बताया कि पुरानी पेंशन देने के लिए कुछ कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे विभाग की मंशा के बावजूद तुरंत समाधान संभव नहीं हो पा रहा।
पांच सदस्यीय विधान परिषद दल, जिसमें विधायक अरुण पाठक, अवनीश सिंह, के.पी. श्रीवास्तव, अवधेश प्रताप सिंह, और अंगद सिंह शामिल थे, ने शिक्षकों के पक्ष में मजबूती से बात रखी। उन्होंने यह कहा कि जब तक 40,000 से अधिक विशिष्ट शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा, मुख्यमंत्री का सदन में दिया गया आश्वासन अधूरा ही माना जाएगा।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने अपने तर्कों और साक्ष्यों के साथ बैठक में शिक्षकों का पक्ष रखा। उन्होंने 2004 बैच के शिक्षकों के अधिकार को पुनः स्थापित करते हुए कहा कि यह बैच पुरानी पेंशन का हकदार है और मुख्यमंत्री के सदन में दिए गए बयान का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
काफी विचार-विमर्श के बाद प्रमुख सचिव ने आश्वासन दिया कि विभाग न्यायिक बाधाओं को दूर करने का हर संभव प्रयास करेगा। उन्होंने शिक्षकों से धैर्य रखने की अपील की और कहा कि सभी मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बैठक के बाद संगठन के कोषाध्यक्ष दिलीप चौहान ने बताया कि शिक्षकों के इस संघर्ष में अभी और मेहनत की जरूरत है, लेकिन वे आशान्वित हैं कि संघर्ष का फल अवश्य मिलेगा। संगठन ने शिक्षकों से अपील की कि वे विधायक गणों से संपर्क बनाए रखें और उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दें। उन्होंने कहा कि संगठन तब तक चैन से नहीं बैठेगा जब तक 2004 बैच के शिक्षकों को उनका हक, पुरानी पेंशन, नहीं मिल जाती।