प्रयागराज : खाली पदों को सफल अभ्यर्थियों से भरने को लेकर याचिका दायर, पुलिस दरोगा भर्ती-2016 में राज्य व पुलिस भर्ती बोर्ड से जवाब तलब
दारोगा भर्ती में रिक्त पद सफल अभ्यर्थियों से भरने को याचिका, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार व पुलिस भर्ती बोर्ड से जवाब तलब किया
प्रयागराज : उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड की 2016 की पुलिस उपनिरीक्षक सिविल, प्लाटून कमांडर पीएसी व फायर सर्विस भर्ती में आरक्षित श्रेणी के खाली 125 पदों पर नार्मलाइजेशन प्रक्रिया के तहत चयनित न होने वाले, परंतु सभी टेस्ट में सफल अभ्यर्थियों का चयन कर नियुक्ति दिए जाने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। हाई कोर्ट ने इस पर राज्य सरकार व पुलिस भर्ती बोर्ड से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने आकाश कुमार व अन्य की याचिका पर दिया है। याची की तरफ से अधिवक्ता एमए सिद्दीकी ने बहस की। इनका कहना है कि भर्ती बोर्ड ने 3307 पद विज्ञापित किए थे। याचीगण लिखित परीक्षा सहित शारीरिक दक्षता व दस्तावेज सत्यापन में योग्य मिले, किंतु 28 फरवरी 2019 को घोषित अंतिम परिणाम सूची में इन्हें शामिल नहीं किया गया। याचीगण स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व पूर्व सर्विस मैन आश्रित हैं। इस श्रेणी के पद अगली भर्ती में अग्रसारित नहीं किए जा सकते। कुल 125 पद खाली हैं। इन पर याचियों का चयन कर नियुक्ति दी जाए।
खाली पदों को सफल अभ्यर्थियों से भरने को लेकर याचिका दायर, पुलिस दरोगा भर्ती-2016 में राज्य व पुलिस भर्ती बोर्ड से जवाब तलब
प्रयागराज। हाईकोर्ट ने पुलिस दरोगा भर्ती-2016 के रिक्त पदों पर सफल उम्मीदवारों को भर्ती करने की मांग में दाखिल पर याचिका राज्य व पुलिस भर्ती बोर्ड से जवाब किया है। यह आदेश न्यायमूर्ति तलब पीयूष अग्रवाल ने आकाश कुमार व अन्य की याचिका पर दिया है।
फतेहपुर निवासी याची उप्र पुलिस भर्ती बोर्ड की 2016 की पुलिस उपनिरीक्षक सिविल, प्लाटून कमांडर पीएसी व फायर सर्विस भर्ती में सफल हुआ था, पर उसे नियुक्ति नहीं मिल पाई। जबकि, कई पद खाली थे। इसके खिलाफ याचिका दाखिल की।
याची के अधिवक्ता एमए सिद्दीकी ने दलील दी कि भर्ती बोर्ड ने 3307 पद विज्ञापित किए। याची सभी परीक्षाओं में सफल रहा। इसके बाद भी 28 फरवरी 2019 को घोषित परिणाम सूची में उसे शामिल नहीं किया गया। याचियों की खाली 125 पर नियुक्ति की जाए।