लखनऊ : सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षकों को अब तीन साल में ही तबादले का मौका, कैबिनेट ने नियमावली 2024 को दी मंजूरी, शिक्षक पूरे सेवा काल में एक बार ले सकेंगे लाभ
लखनऊ। प्रदेश सरकार ने सहायता प्राप्त (एडेड) डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। प्रदेश के 331 एडेड कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों को पांच साल की न्यूनतम सेवा की जगह सिर्फ 3 साल की सेवा के बाद तबादले का अवसर मिलेगा। इसके लिए कैबिनेट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सहायता प्राप्त महाविद्यालय अध्यापक स्थानांतरण नियमावली 2024 को मंजूरी दी है। प्रदेश में कार्यरत 10 हजार शिक्षक लंबे समय से तबादला नीति में संशोधन की मांग कर रहे थे। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि नई उच्चतर सेवा नियमावली 2024 के अनुसार प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों के स्थायी शिक्षक अब केवल तीन साल की सेवा के बाद अपने तबादले का आवेदन कर सकेंगे। नई नियमावली में यह प्रावधान किया गया है कि शिक्षक अपने पूरे सेवाकाल में सिर्फ एक बार तबादले के हकदार होंगे।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम-2023 को हाल ही में लागू किया है। इस अधिनियम के तहत उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग अधिनियम 1980 को निरस्त कर दिया गया है। इससे 1980 के अधिनियम के तहत जारी तबादले के नियम स्वतः समाप्त हो गए हैं। इसके बाद 2005 में जारी नियमावली भी निरस्त कर दी गई है। अब नई नियमावली प्रभावी होगी। इसके तहत शिक्षक अपने कॉलेज के प्रबंधतंत्र और विश्वविद्यालय के अनुमोदन के साथ तबादले का आवेदन कर सकेंगे। इसे निदेशक उच्च शिक्षा को देना होगा।
अभी 5 साल में मिलता था मौका... नए नियम से घर से दूर सेवा दे रहे शिक्षकों को राहत
नई नियमावली से शिक्षकों को उनके घर के पास क्षेत्रों में तबादले का विकल्प मिलेगा। इससे शिक्षण कार्य में अधिक समर्पण और प्रतिबद्धता आएगी। इस निर्णय से घर से दूर सेवा दे रही महिला व अन्य शिक्षकों को काफी राहत मिलेगी।