नोएडा : उत्तर प्रदेश में निजी स्कूलों पर सख्ती से 65 फीसदी छात्रों के दाखिले, पांच वर्षों में बढ़ता गया RTE के तहत प्रवेश का कारवां
दाखिला लेने में आनाकानी करने वाले स्कूलों के प्रबंधक के साथ डीएम और बीएसए ने विशेष बैठक की थी। हिदायत दी गई कि दाखिला न लेने पर उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों की 25 प्रतिशत सीटों पर जनपद के चारों ब्ल़ॉक के स्कूलों में 65 प्रतिशत से अधिक दाखिले हुए हैं। चारों चरण में 5061 सीट आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए आवंटित हुईं थी, इसमें करीब 3367 से अधिक सीटों पर दाखिले हो चुके हैं।
दाखिला लेने में आनाकानी करने वाले स्कूलों के प्रबंधक के साथ डीएम और बीएसए ने विशेष बैठक की थी। हिदायत दी गई कि दाखिला न लेने पर उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी। वहीं, इस दौरान प्रबंधकों ने बताया कि एक लाख से अधिक आय वाले अभिभावक भी आय प्रमाण बनवा बच्चों का दाखिले करवा रहे हैं। जिलाधिकारी ने ऐसे अभिभावकों के आय प्रमाण पत्र की जांच के निर्देश दिए थे।
पांच वर्षों में बढ़ता गया आरटीई के तहत प्रवेश का कारवां पांच साल में जागरूकता के कारण हजारों छात्रों को स्कूलों से जोड़ा गया है। 2020 में 2800, 2021 में 3000, 2022 में 3078, 2023 में 3200 और 2024 में 3367 दाखिले हो चुके हैं।
गौतमबुद्ध नगर प्रदेश में शीर्ष दस में प्रदेश में आरटीई के तहत सबसे अधिक दाखिले लखनऊ और वाराणसी में हुए हैं। विभाग की हालिया सूची में गौतमबुद्ध नगर को 8वां स्थान मिला था। वहीं, 20 फरवरी को पहली लॉटरी में जनपद के 2,563 छात्रों को सीट आवंटित की गई। इनमें करीब 2110 छात्रों के दाखिले हुए। दूसरे चरण में 1,561 आवंटित सीटों पर करीब 780, तीसरे चरण में 662 आवंटित सीटों पर करीब 340 दाखिले हुए। वहीं, चौथे चरण में 275 सीटों पर 137 छात्रों के दाखिले हुए। हालांकि, करीब 1000 सीटों पर अभिवावकों ने बच्चों को दाखिला नहीं दिलाया। ऐसे बच्चों को छोटे स्तर के स्कूलों में दाखिला मिला था।
निजी स्कूलों में आरटीई के तहत 65 प्रतिशत से अधिक दाखिले हुए हैं। दाखिले का ग्राफ और बढ़ सकता था, लेकिन छोटे स्कूलों में छात्रों ने दाखिला नहीं लिया। एक दिसंबर से पहली बार नए सत्र के लिए आवेदन होंगे।