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मैदे से बनी चीजों का सेवन करने से शरीर में हो रहा हैं भारी नुकसान

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मैदे से बनी चीजों का सेवन करने से शरीर में हो रहा हैं भारी नुकसान


आजकल शहरों में ज्यादातर लोग मैदे से बनी चीजें खाना ज्यादा पसंद करते हैं जैसे नाम, तंदूरी रोटी, कुल्वा, रोल, बर्गर, पिज्जा, पाव मोमोस चाउमीन, मैगी, केक, पेस्ट्री, पेटीज, बिस्कुट भटूरे वगैरा वहीं गाँव के लोग आहे. बेसन, मूंगदाल से बनी हुयी चीजें खाना पसंद करते हैं जैसे पकौड़ी, मंगौडी, रोटी, पराठा, चाट, दहीबड़ा, कचौड़ी, बिवही. पूड़ी वगैरा और घर हो या बाहर गाँव के लोग मैदे की चीजें खाना पसंद नहीं करते हैं सिर्फ आटे, बेसन, मूंगदाल वगैरा से बनी चीजें खाते है और घर में आटे, बेसन के अलावा बाजरा, जी, ज्यार सकई, आदि अन्न भी खाते हैं और शादियों में भी गाँव के लोग आटे की रोटियों खिलाते हैं जबकि शहर वाले मैदे की रोटी खिलाते हैं और शहर वाले रेस्टोरेन्ट जाने पर मैदे की रोटी खाना पसंद करते हैं जबकि गाँव वाले कहीं बाहर ढाबे में खाते हैं तो आटे की ही रोटी खाते हैं, इन्हीं वजहों से शहर के लोग खुद को मॉर्डन समझते हैं और गाँव वालों को गंवार लेकिन मैं बता दूँ मैदा के बहुत नुकसान है-

• मैदा बनाने के लिये गेंहू का ऊपरी हिस्सा हटा लिया जाता है जिससे उसमें फाइबर खतम हो जाता है जिससे ये आंतों में चिपक जाती है और पाचन क्रिया धीमी हो जाती है जिस वजह से कब्ज की समस्या हो जाती है मतलब सुबह पेट साफ होने में दिक्कत आती है और काफी देर लगती है पेट साफ होने में, कई बार ऐसा होने पर मल के साथ खून आने लगता है यानि बवासीर की शिकायत हो जाती है, मैदा पचाने मे पाचन तंत्र को बहुत दिक्कत होती है इसलिये ये पच नहीं पाती है और अन्दर सड़ती रहती है।

• मैदे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है और मैदे की चीजें खाने से शरीर में शुगर का स्तर बढ़ जाता है, शरीर में शुगर का स्तर बढ़ने से अग्नाशय (पैनक्रियाज) को पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन छोड़ने के लिये जरूरत से ज्यादा सक्रिय होना पड़ता है, मैदे का ज्यादा सेवन करने से इंसुलिन का उत्पादन धीरे-धीरे कम होता जाता है और हम लोग डायबिटीज जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ता है।

• मैदे की चीजें खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है, हाईब्लडप्रेशर कीशिकायत हो जाती है जिससे दिल सम्बन्धित बीमारियां होने आशंका बढ़ जाती है।

• मैदे की चीजें ज्यादा खाने से मोटापा बढ़ता है।

• गेहूं से मैदा बनाने में उसके सारे पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं।

• मैदा ऐसिटिक होता है जिससे इससे बनी चीजें खाने से ये हड्डियों में मौजूद कैल्शियम सोख लेता है जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।

• मैदे से बनी चीजें खाने से एसिडिटी की समस्या हो जाती है।

• मैदे की चीजें ज्यादा खाने से शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है और हम जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं।

• मैदे की चीजें खाने से गठिया की बीमारी हो जाती है।

• मैदे से बनी चीजें ज्यादा खाने से कई तरह के कैंसर होने के आसार बढ़ जाते हैं।

• मैदे को सफेद रंग देने के लिये उसे बेन्जोइल पराक्साइड से ब्लीच किया जाता है जिससे स्किन कैंसर होने का खतरा होता है।

• मैदा बहुत ज्यादा मात्रा में तेल सोखता है ज्यादा मात्रा में तेल के सेवन से भारीपन रहता है।

• मैदे की चीजें ज्यादा खाने से सिरदर्द, तनाव, माइग्रेन होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।

• जहाँ मैदे की चीजें खाने के इतने सारे नुकसान हैं वहीं आटे की चीजें खाने के कोई नुकसान नहीं होते हैं क्योंकि आटे में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है और आटे की बनी चीजें खाने से पाचन की कोई दिक्कत नहीं होती है न ही कब्ज की समस्या होती है और बेसन, ज्वार, जौ, बाजरा, मक्का, ज्वार, मूंगदाल से बनी चीजें बहुत अच्छे से पच जाती हैं उनमें आटे से ज्यादा फाइबर होता है और मैदे से बनी चीजें बहुत मँहगी होती हैं जबकि आटे या बेसन से बनी चीजें मैदा के मुकाबले सस्ती होती हैं।

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