एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद हरदोई वाराणसी उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर बहराइच मुरादाबाद श्रावस्ती कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा अलीगढ़ झांसी गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

प्रयागराज : भर्ती परीक्षा एक दिन, एक शिफ्ट में कराए जाने की मांग को लेकर दूसरे दिन भी आयोग के सामने डटे रहे आंदोलनकारी अभ्यर्थी

0 comments

प्रयागराज : भर्ती परीक्षा एक दिन, एक शिफ्ट में कराए जाने की मांग को लेकर दूसरे दिन भी आयोग के सामने डटे रहे आंदोलनकारी अभ्यर्थी

नहीं बनी बात, छात्र व आयोग दोनों अड़े

एक दिवसीय परीक्षा की मांग पर अडिग छात्र, आयोग बोला-छात्रों की मांग पर ही बनी गाइडलाइन से हो रही परीक्षा


प्रयागराज : पीसीएस-2024 (प्रारंभिक) और आरओ/एआरओ-2023 (प्रारंभिक) परीक्षा दो दिवस में कराने के निर्णय पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के अडिग रहने और उधर छात्रों के भी बिना एक दिवसीय परीक्षा का निर्णय आए आयोग के गेट से न हटने के कारण स्थितियां जटिल होती जा रही हैं। आक्रोशित छात्रों का लगातार दूसरे दिन प्रदर्शन चलता रहा। 


पूरे दिन ढोल नगाड़ों की आवाज के बीच प्रदर्शन जारी रहा। प्रदर्शन खत्म करने के लिए डीएम, कमिश्नर और आयोग के सचिव की अपील और दो दिवसीय परीक्षा व नार्मलाइजेशन प्रक्रिया के पक्ष में दिए जा रहे तर्क छात्रों ने ठुकरा दिए। कहा एक दिवसीय परीक्षा का निर्णय लेंगे तभी आयोग के सामने से हटेंगे। वहीं पुलिस ने प्रदर्शन का समर्थन करने पहुंचे पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर व कोचिंग बंद कराने का प्रयास करने वाले नौ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। पुलिस कुछ उपद्रवियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करने की तैयारी भी कर रही है।


• छात्रों ने डीएम-कमिश्नर की अपील ठुकराई, कहा एक दिवसीय परीक्षा बहाल करने व नार्मलाइजेशन रद्द होने के बाद ही हटेंगे

• पूर्व आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर समेत 10 प्रदर्शनकारी हिरासत में उपद्रवियों के विरुद्ध मुकदमे दर्ज करने की भी तैयारी


प्रतियोगी छात्र आयोग के दो दिवसीय परीक्षा के फैसले को वापस लेने, एक दिन में परीक्षा के आयोजन और नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया को रद करने की मांग को लेकर सोमवार से प्रदर्शन कर रहे हैं। आयोग के सभी छह द्वारों पर अभ्यर्थियों ने कब्जा कर रखा और अधिकारियों और कर्मचारियों का आना जाना रोक रखा है। मंगलवार सुबह डीएम रवींद्र कुमार मांदड़ और पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा छात्रों से वार्ता के लिए पहुंचे। उन्होंने छात्रों से प्रदर्शन खत्म करने की अपील की, लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ। 


आयोग के सचिव अशोक कुमार ने छात्रों को समझाया कि आरओ-एआरओ पेपर लीक के बाद छात्रों के सुझाव के आधार पर ही परीक्षा की गाइडलाइन बनी और उसी अनुरूप परीक्षा कराई जा रही है, पर प्रतियोगी छात्रों ने साफ कह दिया कि एक दिवसीय परीक्षा बहाल करने और नार्मलाइजेशन रद करने के बाद ही वे हटेंगे। एक दिवसीय परीक्षा पर फैसला होने तक सड़क ही उनका घर है। वार्ता विफल होने के बाद धरना स्थल से ही इंटरनेट मीडिया पर पोस्टर वार शुरू कर दिया गया। 


छात्रों ने 'चांद पर पहुंचे पर पीसीएस परीक्षा के लिए केंद्र नहीं खोज पाए', 'वन नेशन वन इलेक्शन को हां-वन डे वन शिफ्ट एग्जाम को ना' जैसे पोस्टर बनाकर प्रसारित किए। प्रतियोगी छात्रों ने आयोग के द्वार पर 'लूट सेवा आयोग' लिख दिया। अध्यक्ष की सांकेतिक अर्थी निकाली, सिर के बल खड़े होकर प्रदर्शन किया और नार्मलाइजेशन के परिणामों के जरिए भर्ती में संभावित भ्रष्टाचार को लेकर बैनर-पोस्टर टांग दिया। 


आयोग ने उप्र परीक्षा अध्यादेश के केंद्र निर्धारण के मानकों के तहत केंद्र उपलब्ध नहीं होने को आधार बनाकर पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा सात और आठ दिसंबर तथा आरओ-एआरओ परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को को कराने कराने का निर्णय लिया है। नार्मलाइजेशन लागू कर दिया है। 


इस बीच उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने छात्रों की मांगों पर क संवेदनशीलता दिखाने का आह्वान में किया है। उन्होंने कहा कि सरकार निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के लिए कृतसंकल्प है। वहीं, विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, 'भाजपा चुनाव एक दिन में करा सकती है, पर परीक्षा नहीं।' उन्होंने तंज किया कि भाजपा के राज में युवाओं को केवल तनाव मिला है।  वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी परीक्षा प्रणाली पर सवाल उठायाम कि क्या यूपी के पास एक समय में परीक्षा कराने की बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव है कि पीसीएस जैसी विशिष्ट परीक्षा दो दिन में करानी पड़ रही है। सरकार छात्रों के प्रति सहानुभूति, सहयोग दिखाए।



भर्ती परीक्षा एक दिन, एक शिफ्ट में कराए जाने की मांग को लेकर दूसरे दिन भी आयोग के सामने डटे रहे आंदोलनकारी अभ्यर्थी, अफसरों के समझाने पर भी नहीं बनी बात, सीएम पर टिकीं निगाहें, 12 पर मुकदमा

13 नवम्बर 2024
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के दफ्तर के बाहर अभ्यर्थियों का धरना दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रहा। अफसरों के समझाने के बाद भी बात नहीं बनी। वहीं, आयोग का रुख स्पष्ट होने के बाद अभ्यर्थियों की नजर सीएम योगी आदित्यनाथ पर टिकी है।

आयोग के गेट नंबर दो के सामने अभ्यर्थी सोमवार पूरी रात धरने पर बैठे रहे। मंगलवार भी हजारों अभ्यर्थी पहुंचे। पुलिस आयुक्त तरुण गाबा, डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ और आयोग के सचिव अशोक कुमार ने अभ्यर्थियों के बीच जाकर समझाने का प्रयास किया। एक प्रतिनिधिमंडल को भी वार्ता के लिए आमंत्रित किया गया लेकिन, अभ्यर्थी तैयार नहीं हुए।

आयोग ने बताया फॉर्मूला लखनऊ। आयोग ने नॉर्मलाइजेशन का फॉर्मूला बताते हुए कहा कि जहां किसी एक विज्ञापन के सापेक्ष एक से अधिक दिन, पाली में परीक्षाएं कराई जाती हैं। वहां परीक्षा के मूल्यांकन के लिए प्रसामान्यीकरण (नार्मलाइजेशन) की प्रक्रिया अपनाना जरूरी है। देश के विभिन्न प्रतिष्ठित भर्ती निकायों, आयोगों में यह अपनाई जाती है। 



छात्रों की मांग पर बदले नियम, मंशा पर न करें संशय, नॉर्मलाइजेशन के संबंध में सुझावों का स्वागत

12 नवम्बर 2024
प्रयागराज,। पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा में मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) को लेकर आंदोलित छात्रों से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने विरोध खत्म करने की अपील की है। आयोग के सचिव अशोक कुमार का कहना है कि छात्रों की मांग पर ही शासन ने परीक्षा संबंधी नियमावली में बदलाव किया है।

आरओ/एआरओ 2023 में पेपरलीक के बाद छात्रों ने आयोग के सामने प्रदर्शन कर मांग रखी थी कि निजी स्कूल-कॉलेजों को केंद्र न बनाया जाए और परीक्षा केंद्रों की दूरी अधिक न हो। उनकी मांगों पर ही राजकीय और एडेड कॉलेजों को केंद्र बनाया जा रहा है और दूरी दस किमी रखी गई है। रही बात मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) की तो यह सामान्य प्रक्रिया है और अधिकांश परीक्षाओं में इसे किया जा रहा है। आयोग ने भी विशेषज्ञों से फॉर्मूले पर राय ली है। कंप्यूटर से होने वाले मानकीकरण में किसी तरह के हेरफेर की कोई गुंजाइश नहीं है।

आयोग का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय के बीते सात नवम्बर के आदेश के अनुसार यदि विज्ञापन, भर्ती एवं चयन संबंधी किसी बिन्दु पर मौन है तो उससे संबंधित सक्षम प्राधिकारी चयन के लिए अभ्यर्थियों की शार्टलिस्टिंग के उद्देश्य से यथा आवश्यक प्रशासनिक एवं व्यवस्थागत प्रक्रिया निर्धारित व लागू कर सकते हैं। आयोग भी उसी क्रम में प्रक्रिया अपना रहा है।

परीक्षाओं के संबंध में अभ्यर्थियों ने आयोग को पत्र भेजकर बताया है कि कुछ टेलीग्राम चैनल एवं यू-ट्यूबर्स परीक्षा को टलवाने की साजिश कर रहे हैं। ये चैनल परीक्षा के मानकीकरण को लेकर भ्रम फैला रहे हैं और अभ्यर्थियों को गुमराह कर रहे हैं। अनेक अभ्यर्थी जिनके लिए यह परीक्षा और समय दोनों ही बहुत अधिक महत्वपूर्ण है, आयोग के इस निर्णय का समर्थन करते हैं। सरकार एवं आयोग मंशा छात्र हितों को संरक्षित करना एवं मेरिट के आधार पर चयन सुनिश्चित करना है। चयन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी एवं छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की गई है। इस संबंध में अभ्यर्थियों को सभी आवश्यक जानकारी भी दी जा रही है।


नॉर्मलाइजेशन के संबंध में सुझावों का स्वागत

आयोग ने साफ किया है कि मानकीकरण के संदर्भ में आयोग अभ्यर्थियों के सुझावों का स्वागत करता है और जिसको भी उसके संदर्भ में कोई सुधार-सुझाव और बेहतर व्यवस्था हो, वह अभ्यर्थी दे सकते हैं। सभी सुझावों को प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की समिति के समक्ष रखा जाएगी और जो शुचिता गुणधर्मिता, अभ्यर्थियों के हित में आवश्यक होगा, उसका पालन किया जाएगा।



दो दिवसीय परीक्षा के विरोध में लोक सेवा आयोग पर छात्रों का जोरदार प्रदर्शन, धरी रह गई घेराबंदी, बैरिकेडिंग तोड़कर आयोग गेट पर पहुंचे आंदोलनकारी छात्र


प्रयागराज : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा पीसीएस- 2024 प्रारंभिक और आरओ- एआरओ-2024 (प्रारंभिक) परीक्षा दो दिवसों में कराने और नार्मलाइजेशन के निर्णय के विरोध में हजारों प्रतियोगी छात्र सोमवार को सड़क पर उतर पड़े। आयोग पहुंचने से रोकने के लिए पुलिस ने लाठियां फटकारीं तो प्रतियोगी छात्र भड़क उठे। उनका आक्रोश फूट पड़ा और बैरिकेड्स तोड़कर वे आयोग के गेट नंबर दो पर जा पहुंचे और जमकर नारेबाजी की। सुबह 11 बजे से आयोग के बाहर डटे प्रतियोगी छात्रों की मांगों पर आयोग ने कोई निर्णय नहीं लिया। वहीं प्रतियोगी छात्रों ने आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है। देर रात तक वे आयोग के सामने डटे रहे।



उप्र परीक्षा अध्यादेश के केंद्र निर्धारण के कड़े मानकों की वजह से पर्याप्त केंद्र नहीं मिलने को आधार बनाकर आयोग ने पीसीएस व आरओ-एआरओ की एक दिवसीय परीक्षा का प्रारूप बदलकर दो दिवसीय कर दिया था। पांच नवंबर को जारी आदेश में आयोग ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा सात और आठ दिसंबर को तथा आरओ एआरओ प्रारंभिक परीक्षा 22 व 23 दिसंबर को प्रस्तावित कर दी थी। 

🔴 पुलिस से जमकर धक्का-मुक्की बल प्रयोग में कई छात्र घायल

🔴 दिल्ली-मप्र से भी पहुंचे छात्र आंदोलन जारी रखने का निर्णय

इस निर्णय से प्रतियोगी छात्र भड़क गए और विरोध में 11 नवंबर से आयोग पर बेमियादी आंदोलन की घोषणा की थी। इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ दिल्ली, मध्य प्रदेश से भी प्रतियोगी छात्र प्रयागराज पहुंच गए थे। सुबह से ही पुलिस ने आयोग के हर तरफ बैरिकेडिंग कर दी थी। सुबह 11 बजे प्रतियोगी छात्र अलग अलग रास्तों से आयोग पहुंचने लगे तो पुलिस ने उनको रोकना शुरू कर दिया। इससे पुलिस और प्रतियोगी छात्रों के बीच जमकर धक्का-मुक्की शुरू हो गई। 

इस बीच एक पुलिस अधिकारी ने बल प्रयोग का आदेश दे दिया तो पुलिस ने छात्रों को खदेड़ना शुरू कर दिया। इस पर छात्र भड़क उठे और बैरिकेड्स तोड़ते हुए आयोग पहुंच गए। इस बीच कई छात्र- छात्राएं चुटहिल भी हो गए। हालांकि डीसीपी सिटी अभिषेक भारती ने बल प्रयोग से इन्कार किया है।



धरी रह गई घेराबंदी, बैरिकेडिंग तोड़कर आयोग गेट पर पहुंचे आंदोलनकारी छात्र

प्रयागराज। आयोग के बाहर प्रदर्शन की घोषणा कई दिनों से चल रही थी। इसे लेकर पुलिस भी पूरी तैयारी में थी। आयोग कार्यालय के आसपास का इलाका रविवार रात से ही छावनी में तब्दील कर दिया गया था। सुबह आरएएफ भी लगाकर आयोग की ओर आने वाले सभी रास्तों पर नाकाबंदी कर दी गई।

हालांकि प्रदर्शनकारियों की रणनीति के आगे घेराबंदी धरी रह गई। छात्राओं के आगे होने से सुरक्षाकर्मी असहज हुए और इसी पल छात्र सुरक्षा घेरा तोड़कर आयोग की ओर कूच कर गए। 11 नवंबर को आयोग पर प्रदर्शन संबंधी पोस्ट पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थीं। इसे देखते हुए पुलिस ने भी अपनी ओर से पुख्ता तैयारी करने का पूरा प्रयास किया।

रात में ही स्टेनली रोड पर लोकसेवा आयोग चौराहे के पास और पत्रिका चौराहे के पास बैरिकेडिंग कर दी गई। पुलिस चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए थी। सोमवार सुबह आरएएफ भी बुला ली गई और आयोग चौराहे पर बैरिकेडिंग कर उन्हें मुस्तैद किया गया। साथ ही फायर ब्रिगेड को भी बुलाया गया।

सुबह 10 बजे के करीब छात्रों का आयोग चौराहे पर पहुंचना शुरू हो गया। इसके बाद हर बीतते पल के साथ प्रतियोगियों की भीड़ बढ़ती गई। 11:30 बजे प्रतियोगियों का हजारों की संख्या में आयोग चौराहे पर जमावड़ा हो चुका था।

प्रतियोगियों ने बैरिकेडिंग पार करने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। काफी देर तक पुलिस से नोकझोंक चलती रही। इसके बाद अभ्यर्थियों का प्रदर्शन शुरू हुआ जो देर रात तक चलता रहा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।