लखनऊ : यूपी की हर न्याय पंचायत में बनेगा एक अटल विद्यालय, शासन स्तर पर चल रही उच्च स्तरीय कवायद, डिजाइन से लेकर लागत तक का हो रहा है आंकलन
खास बातें
■ दो से ढाई हजार बच्चों की क्षमता वाले बनाए जाएंगे नए स्कूल
■ मौजूदा सरकारी स्कूलों की जगह अटल स्कूल किए जा रहे प्रस्तावित
नए स्कूल बनाने पर खर्च करने होंगे तकरीबन आठ लाख करोड़
■ आवासीय नहीं मगर अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त स्कूल बनाने की योजना
लखनऊ। यूपी के 18 मंडलों में अटल आवासीय विद्यालय खुल चुके हैं। मुख्यमंत्री हर जिले में ऐसे विद्यालय बनाने की घोषणा भी कर चुके हैं। मगर अब बात उससे भी आगे निकल कर हर न्याय पंचायत तक पहुंच गई है। सूबे की हर न्याय पंचायत में एक अटल विद्यालय बनाने की योजना है। हालांकि यह आवासीय नहीं होगा। इसे लेकर शासन स्तर पर उच्च स्तरीय कवायद चल रही है।
स्कूलों के डिजायन से लेकर उनकी लागत तक सबका आंकलन कराया जा रहा है। एक मोटे अनुमान के मुताबिक यदि यह स्कूल बने तो इन पर करीब आठ लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा।अटल आवासीय विद्यालय योगी सरकार का एक बेहद महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। इसमें प्रदेश के पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के मजदूरों को मुफ्त पढ़ाने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त आवासीय विद्यालय हर मंडल मुख्यालय में बनाया गया है।
अब इस परिकल्पना को नीचे तक यानि न्याय पंचायत स्तर तक ले जाने की योजना पर कवायद शुरू की गई है। फिलवक्त प्रदेश में अधिकांशत ग्राम पंचायत स्तर पर प्राथमिक स्कूल बने हैं। वहीं तीन से चार ग्राम पंचायतों को मिलाकर एक न्याय पंचायत गठित है। प्रदेश में इनकी संख्या तकरीबन आठ हजार से अधिक है।
क्या है योजना
न्याय पंचायत स्तर पर एक ऐसा स्कूल बनाने की है, जिसके बाद ग्राम पंचायतों में अलग-अलग स्कूलों की जरूरत ही न रहे यानि इस स्कूल की क्षमता दो से ढाई हजार बच्चों की हो सकती है। बच्चों को बसों के जरिए इस स्कूल तक लाया जाना प्रस्तावित है। इन स्कूलों को बनाने के पीछे तर्क यह है कि स्कूलों की संख्या घटने से प्रभावी मॉनीटरिंग की जा सकेगी। वहीं स्कूली भवनों पर रखरखाव का खर्च भी घटेगा।