एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर बहराइच श्रावस्ती मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

नई दिल्ली : स्कूलों में मासिक धर्म स्वच्छता की जमीनी स्थिति जाने केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा-नीति लागू करने से पहले सभी पहलुओं पर गौर करे

0 comments
नई दिल्ली : स्कूलों में मासिक धर्म स्वच्छता की जमीनी स्थिति जाने केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा-नीति लागू करने से पहले सभी पहलुओं पर गौर करे 


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से स्कूलों में मासिक जनरल पहलुओं पर गौर करें और अगली सुनवाई तक स्थिति स्पष्ट करें। पीठ ने अगली सुनवाई 3 दिसंबर तय कर सरकार ने स्कूल जाने वाली लड़कियों के लिए मासिक धर्म स्वच्छता के संबंध में राष्ट्रीय नीति तैयार की है। नीति में दृष्टिकोण, आपत्तियों, लक्ष्य, नीति घटकों, वर्तमान कार्यक्रमों और अंत में हितधारकों के नियमों और जिम्मेदारियों के बारे में बात की गई है। एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि नीति के उचित और प्रभावी कार्यान्वयन के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।


एएसजी ने शीर्ष अदालत को बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के साथ समन्वय करके उनकी संबंधित कार्ययोजना तैयार करेगा। जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि मासिक धर्म धर्म स्वच्छता की जमीनी स्थिति पर गौर करने को कहा है। 


शीर्ष अदालत ने केंद्र कोई भी नीति लागू करने से पहले इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से उजागर किए गए पहलुओं को स्पष्ट करने का सुझाव दिया। जस्टिस जेबी पारदीवाला व जस्टिस पंकज मिथल की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर ऐश्वर्या भाटी से कहा कि वह याचिकाकर्ता के उठाए स्वच्छता नीति के सभी पहलुओं को व्यापक तरीके से तैयार किया जाए। सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों की छात्राओं के लिए नीति को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। 


वहीं याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि केंद्र की तैयार की गई नीति किसी भी तरह से याचिका में मांगी गई राहतों का ख्याल नहीं रखती है। इसके अलावा, नीति दस्तावेजों में जिन आंकड़ों पर भरोसा किया गया है, उनमें स्पष्ट विसंगतियां हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।