प्रयागराज : नॉर्मलाइजेशन में नहीं होगा किसी प्रकार का मानवीय हस्तक्षेप, UPPSC का दावा-मेरिट पर नहीं पड़ेगा असर
दो दिन में परीक्षा कराने से नहीं हो सकेगी धांधली
प्रयागराज । पीसीएस और आरओ/एआरओ प्री शुचितापूर्वक कराने के लिए ही परीक्षा एक की बजाय दो दिन में कराने का निर्णय लिया गया है। इस विवशता के बीच आयोग ने साफ किया है कि मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) में किसी प्रकार का मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा। पहली बार मानकीकरण का फॉर्मूला अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करते हुए आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया फूलप्रूफ है।
आयोग का तर्क है कि पीसीएस 2024 की प्रारंभिक परीक्षा में कुल पंजीकृत 5,76,154 अभ्यर्थियों के लिए एक दिन में परीक्षा कराने के लिए सभी 75 जिलों से 17 जुलाई का जादेश के अनुरूप 1758 आवश्यकता इसके सापेक्ष विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेजों, मेडिकल कॉलेजों आदि को सम्मिलित करने के बावजूद मात्र 4,35,074 अभ्यर्थियों की क्षमता के 978 केंद्र ही मिल सके हैं। जबकि आरओ/एआरओ 2023 प्रारंभिक परीक्षा में कुल पंजीकृत 10,76,004 अभ्यर्थियों के लिए एक दिन में परीक्षा कराना संभव नहीं हो पा रहा है। परीक्षा की शुचिता सुनिश्चित करने के लिए मानक के अनुरूप ही केंद्र बनाए गए हैं
आयोग की वेबसाइट पर फॉर्मूला
आयोग के सचिव के अनुसार, नॉर्मलाईजशन का फॉर्मूला सार्वजनिक कर दिया गया है। फॉर्मूला आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। अभ्यर्थियों के प्राप्तांक एवं कटऑफ अंक अब पसेंटाइल स्कोर में होंगे। आसान भाषा में समझे तो भिन्न-भिन्न पालियों में अभ्यर्थियों के न्यूनतम एवं अधिकतम प्राप्तांकों का वितरण भिन्न-भिन्न हो, ऐसी स्थिति में किसी एक पाली के अधिकतम अंक पाने वाले अभ्यर्थी के प्राप्तांक को 100 मानते हुए उसके सापेक्ष सभी अभ्यर्थियों का स्कोर निकालना ही पसेंटाइल विधि है।
UPPSC का दावा-मेरिट पर नहीं पड़ेगा असर
यूपीपीएस्सी ने दावा किया है कि नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होगी और इससे मेरिट प्रभावित नहीं होगी। पसेंटाइल स्कोर की गणना दशमलव के बाद छह अंकों तक की जा सकेगी। सचिव के अनुसार, वैसे तो कई राज्यों की पीसीएस परीक्षाओं और अन्य परीक्षाओं में इसी फॉर्मूले के आधार पर मूल्यांकन की प्रक्रिया अपनाई गई है और यह फॉर्मूला पूरी तरह से सही है। इसके बावजूद आयोग ने अपने स्तर से कई चरणों में विशेषज्ञों से इसकी जांच कराई है। इसके लिए आयोग ने लब्ध प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की एक समिति भी मठित्त की, जिसकी अनुशंसा पर यह व्यवस्था लागू की गई। मूल्यांकन के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया कंप्यूटर सिस्टम आधारित होगी।
पर्सेटाइल में जारी होंगे प्राप्तांक व कटऑफ
नॉर्मलाइजेशन लागू होने के कारण दोनों ही प्रारंभिक परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के प्राप्तांक व कटऑफ अंक अब पसेंटाइल में जारी किए जाएंगे। इससे पूर्व अभ्यर्थियों के प्राप्तांक एवं कटऑफ अंकों में जारी किए जाते थे।
पहली बार दो दिन होंगी दोनों परीक्षाएं
इससे पहले पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाएं एक ही दिन में करा ली जाती थीं और परीक्षा के लिए पंजीकृत सभी अभ्यर्थी एक ही शिफ्ट में परीक्षा देते थे। ऐसे में एक समान मूल्यांकन की अलग से कोई जरूरत ही नहीं पड़ती थी। पहली बार परीक्षाएं दो दिन में होंगी, सो आयोग को नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनानी पड़ी