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नई दिल्ली : बैंक खाते में चार को नामिनी बनाने का मिला अधिकार

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नई दिल्ली : बैंक खाते में चार को नामिनी बनाने का मिला अधिकार


• बैंककारी विधियां (संशोधन) बिल 2024 लोकसभा में पारित

• कोविड काल में उठे विवादों से महसूस हुई संशोधन की जरूरत


नई दिल्लीः अपने बैंक खाते में अब एक व्यक्ति की जगह चार लोगों को नामिनी बना सकते हैं। लोकसभा में मंगलवार को पारित बैंककारी विधियां (संशोधित) विधेयक, 2024 में इसका प्रविधान है। इसकी वजह से सिर्फ बैंक खाते में ही नहीं, बल्कि बैंकों में रखे गए लाकरों या दूसरी बैंकिंग सेवाओं के लिए भी ग्राहकों को चार लोगों को नोमिनी बनाने का अधिकार दिया गया है।



वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य देश की बैंकिंग व्यवस्था में गवर्नेस को मजबूत करना और आम बैंकिंग ग्राहकों को ज्यादा बेहतर सेवा देना है। विधेयक में बैंकों के प्रबंधन को ज्यादा अधिकार देने की व्यवस्था भी है जैसे बैंक अपने आडिटरों की फीस आदि का फैसला अब अपने स्तर पर ही कर सकेंगे। 


यह विधेयक पेश करने की घोषणा वित्त मंत्री ने जुलाई, 2024 में अपने बजट भाषण में की थी। इसके जरिये सरकार ने एक साथ आरबीआइ अधिनियम, 1934, बैंकिंग नियमन कानून, 1949, एसबीआइ अधिनियम, 1955, बैंकिंग कंपनीज अधिनियम, 1970-1980 के कई प्रविधानों में संशोधन किया है।


मौजूदा नियम के मुताबिक बैंक खातों के लिए सिर्फ एक ही व्यक्ति को नामिनी बनाया जा सकता है, लेकिन कोविड के दौरान बड़ी संख्या में हुई मौतों के बाद बैंकों के समक्ष इस तरह के हजारों कानूनी विवाद आए हैं जिसमें एक बैंक खाते परव कई लोगों ने दावा पेश किया। उसके बाद यह जरूरत समझी गई कि खाताधारक को अपनी मर्जी से खाते में जमा धन को अपने प्रियजन में बांटने का ज्यादा अधिकार देना चाहिए। 


🔴 विधेयक की खास बातें

नॉमिनी की सीमा बढ़ेगी
 इस विधेयक में प्रति बैंक खाते के लिए नॉमिनी की संख्या मौजूदा एक से बढ़ाकर चार करने का प्रस्ताव है। इससे जमाकर्ताओं, बैंक लॉकर धारकों और उनके नॉमिनी को फायदा होगा।

पर्याप्त ब्याज परिभाषित होगा
व्यक्तियों के लिए पर्याप्त ब्याज की 3 पारिया को संशोधित किया आएगा, जिसकी सीमा पांच लाख (1968 में निर्धारित) से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये किया जाएगा।

बिना दावे की राशि का निपटारा
बिना दावे वाले डिविडेंड, शेयर 2 और बांड के ब्याज या आय को निवेशक एजूकेशन और संरक्षण कोष में स्थानांतरित करेगा। इससे लोगों और निवेशकों को रिफंड दावा करने की सुविधा प्राप्त होगी।

रिपोर्टिंग समय बदलेगा
बैंकों द्वारा आरबीआई को की 4 जानी वाली रिपोर्टिंग तिथि में बदलाव का प्रस्ताव भी है। रिपोर्ट अब पखवाड़े, महीने या तिमाही के आखिरी दिन जमा करनी होगी।

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