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महराजगंज : परिषदीय स्कूल संसाधन और नवाचार से दे रहे कान्वेंट को मात

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महराजगंज : परिषदीय स्कूल संसाधन और नवाचार से दे रहे कान्वेंट को मात

महराजगंज। सरकार की ओर से परिषदीय स्कूलों के कायाकल्प और संसाधन से लैस करने के लिए थन की उपलब्धता सुनिश्चित है। प्रति वर्ष स्कूलों में तमाम बदलाव किए जाने की रिपोर्ट भी शासन को प्रेषित की जाती रही कि जो धन अव मुक्त किया उसके सापेक्ष यह कार्य कराए गये। इस जद्दोजहद के बाद भी कोई विशेष बदलाव नहीं दिखता था। लेकिन इस बार कायाकल्प कार्य कराने से पहले डीएम की आगुवाई में हर स्कूल की जिम्मेदारी एक अधिकारी को सुपुर्द हुआ तो परिषदीय स्कूलों में दिख रहे बदलाव की चर्चा मंडल में ही नहीं सूबे तक जा पहुंची है।इंटरनेट मीडिया पर भी इसकी चर्चा है और अन्य जनपदों के जिम्मेदार भी इस विषय पर सोंचने के लिए विवश हो गये हैं कि वह लोग ऐसा करने के लिए क्यों नहीं सोंच सके। बहरहाल डीएम की योजना ने 52 परिषदीय स्कूलों का कुछ ऐसा पैरामीटर निर्धारित हो गया है जिसके सामने कान्वेंट स्कूल भी मुकाबले के लिए नहीं खड़े हो सकते।बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों का कायाकल्प शासन की ओर से वर्ष 2019 से प्रति वर्ष कराया जाता है। लेकिन इस बार डीएम ने कायाकल्प के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय हुई और उनके देखरेख में काम हुआ तो बेसिक शिक्षा विभाग में नजीर बन गया कि 19 पैरामीटर पर आपरेशन कायाकल्प के तहत स्कूलों को कुछ ऐसे भी संतृप्त किया जा सकता है। स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी, एस्ट्रोनोमी राम, सीसीटीवी, बुक बैंक के अलावा खेल कूद सामग्री, खेल मैदान, शौचालय, मल्टीपल हैंडवाश कार्नर जैसी व्यवस्था से परिषदीय स्कूल लैस हुए तो इनके सामने कान्वेंट स्कूल तक मुकाबले में नहीं खड़े हो सकते। मां वीणावादिनी का आंगन माने जाने वाले स्कूल अपनी सार्थकता सिद्ध कर रहे हैं क्योंकि स्कूलों के संसाधन, सुविधाएं और बेहतरीन रंग रोगन का आकर्षण कुछ ऐसा है कि इसकी खुमारी में नामांकित बच्चे अपना अधिक से अधिक समय स्कूल में देना चाहते हैं।

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जिले में इन स्कूलों का हुआ कायाकल्प-मिठौरा ब्लॉक में बरगदही बस़ंतनाथ प्राथमिक स्कूल डीएम अनुनय झा ने खुद लिया था। पूर्व में यह ऐसा दिखता जैसे कोई टिकट घर हो। लेकिन कायाकल्प के बाद इसे पहचानना मुश्किल है। डीएम ने स्कूल प्रधानाध्यापक गीता विश्वकर्मा की देख रेख में टायलीकरण, शौचालय, खेल सामग्री, शौचालय, पेयजल, कैमरा, स्मार्ट क्लास की सुविधा से लैस किया गया। साथ ही स्कूल भवन की बाहरी और अंदरूनी पेंटिंग और चित्रकारी कुछ ऐसी कराई गई कि नामांकित बच्चे स्कूल के सम्मोहन से हर समय बंधे ही रहते हैं। इस स्कूल के अलावा पनियरा के छोटी देवीपुर प्राथमिक परियोजना निदेशक रामदरश चौधरी, मिठौरा कंपोजिट ओबरी चौक इओ , एडीएम डा. पंकज वर्मा पिपरा विशंभरपुर, प्राथमिक लोहटी, एआरटीओ विनय कुमार, कंपोजिट चौक ईओ आलोक मिश्रा, प्राथमिक सवना सदर बीडीओ अतुल कुमार, कंपोजिट विद्यालय रुधौली बीएसए श्रवण गुप्ता, सीडीओ अनुराज जैन के जिम्मे कंपोजिट बेलहिया, प्राथमिक बैठवलिया आबकारी अधिकारी अतुल चंद्र द्विवेदी, प्राथमिक सेमरा मनरेगा उपायुक्त करुणाकरं अदीब, एआर कोआपरेटिव सुनील गुप्ता प्राथमिक हरखपुरा, सीएमओ श्रीकांत शुक्ल प्राथमिक मेघौली अराजी सहित अन्य सभी 52 परिषदीय स्कूल उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं कि स्कूलों का कायाकल्प कुछ यूं होता है जिम्मेदारी तय होने से।

डीएम ने प्रशस्ति पत्र देकर बढ़ा दिया मान-बुधवार को कलक्ट्रेट सभागार में सभी 52 अधिकारी जिनके जिम्मे परिषदीय स्कूलों का कायाकल्प किया गया था उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। सम्मान कार्यक्रम में बीएसए श्रवण गुप्ता ने कहा कि डीएम की ओर से जिस अपेक्षा के साथ कायाकल्प की जिम्मेदारी दी गई थी वह बखूबी पूर्ण कर कीर्तिमान स्थापित किया गया है।

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जनपद में 52 परिषदीय स्कूलों का कायाकल्प अधिकारियों की देखरेख में सफलतापूर्वक बेहतर तरीके से कराया गया। इस कवायद से यह भी तय हुआ कि कार्य के लिए जिम्मेदारी तय हो जाए तो बदलाव किस तरह से हो सकता है। सभी ने भरपूर सहयोग देकर कार्य संपन्न कराया इसलिए उत्साहवर्धन के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। अनुनय झा, जिलाधिकारी

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