प्रयागराज : अनभिज्ञता में दर्ज मुकदमे की जानकारी न देना सेवा से बर्खास्तगी की वजह नहीं: हाईकोर्ट
कोर्ट ने प्रयागराज निवासी याची की बर्खास्तगी को रद्द कर बहाल करने का दिया आदेश
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि अनभिज्ञता में दर्ज मुकदमे केस एक की जानकारी न देना बर्खास्तगी की वजह नहीं हो सकती। न्यायमूर्ति नीरज तिवारी की पीठ ने यह टिप्पणी कर प्रयागराज निवासी सौरभ यादव की बर्खास्तगी को रद्द कर बहाल करने का आदेश दिया। साथ ही याची को सभी परिणामी लाभ देने का निर्देश दिया है।
याची 13 सितंबर 2021 जेल वार्डर/बंदी रक्षक के पद पर चयनित हुआ था। इसके बाद प्रतापगढ़ जिला जेल में उसे तैनाती मिली थी। 21 जुलाई 2022 को एक नोटिस जारी कर एक प्राथमिकी का खुलासा न करने पर उससे स्पष्टीकरण मांगा गया।
याची ने जवाब में कहा कि चयन प्रक्रिया के दौरान सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, 1984 के तहत मामला दर्ज किया गया था। उसे ऐसी किसी प्राथमिकी के बारे में जानकारी नहीं थी। जवाब को उपयुक्त न मानते हुए उसे बर्खास्त कर दिया गया। इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी।
न्यायालय ने कहा कि सरकार यह साबित नहीं कर सकी कि याची को उसके खिलाफ लोक संपत्ति क्षति निवारण कानून के तहत दर्ज केस की जानकारी थी और उसने झूठा हलफनामा दिया। न्यायालय ने अवतार सिंह बनाम भारत संघ मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का उल्लेख करते हुए बर्खास्तगी आदेश रद्द कर दिया।
क्या है अवतार सिंह मामलाः
अवतार सिंह मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केवल आपराधिक मामलों से संबंधित जानकारी छिपाने और झूठी जानकारी देने के चलते कर्मचारी को सेवा से बर्खास्त नहीं कर सकते।