प्रयागराज : स्कूलों में कंप्यूटर नहीं, बच्चों को सिखाएंगे प्रोग्रामिंग, कक्षा छह, सात और आठ में शामिल की गई पाइथन और स्क्रैच जैसी प्रोगामिंग को पढ़ाने के लिए शिक्षक चिंतित
● प्रायोगिक विषय को सैद्धांतिक रूप से समझेंगे छात्र-छात्राएं
● डायटों में चल रहा विज्ञान एवं गणित शिक्षकों का प्रशिक्षण
प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के प्रदेश में 40 हजार से अधिक कंपोजिट और उच्च प्राथमिक स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा छह से आठ तक के बच्चों के पाठ्यक्रम में इस सत्र से कंप्यूटर के कई टॉपिक शामिल कर दिए गए हैं।
विज्ञान की किताब में जोड़े गए टॉपिक को पढ़ाने के लिए लाखों रुपये खर्च करके विज्ञान और गणित विषय के शिक्षकों को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, लेकिन मजे की बात है कि बच्चों को इन विषयों का प्रायोगिक ज्ञान देने के लिए स्कूलों में कंप्यूटर ही नहीं है।
शिक्षक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कक्षा छह, सात और आठ में शामिल की गई पाइथन और स्क्रैच जैसी प्रोगामिंग को कैसे पढ़ाया जाए। कंप्यूटर का पाठ्यक्रम पहले से काफी बढ़ गया है। पिछले साल तक केवल एक पाठ के रूप में विज्ञान की किताब में शामिल था। इस साल कंप्यूटर की किताब तो अलग से नहीं शामिल की गई है लेकिन विज्ञान में ही प्रत्येक कक्षा में सात-सात पाठ शामिल कर दिए गए हैं। इन्हें पढ़ाने के लिए यूपी में कई चरणों में पांच दिनी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
कुछ स्कूलों में स्मार्ट टीवी तो उपलब्ध हो गए हैं जिन पर कंप्यूटर विषय को पढ़ाया जा सकता है लेकिन 90 फीसदी से अधिक स्कूलों में डिजिटल लिटरेसी, कंप्यूटेशनल थिंकिंग, कोडिंग एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नाम से शामिल कंप्यूटर के नए कोर्स को पढ़ाने की कोई सुविधा नहीं है।
इन टॉपिक को किया शामिल
कक्षा छह में कंप्यूटर, माइक्रोसॉफ्ट पेंट, माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, स्टेपवाइस थिंकिंग, स्क्रैच और पाइथन जबकि कक्षा सात में माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल, लॉजिकल थिकिंग, स्क्रैच द्वारा कोडिंग, पाइथन टोकन्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को शामिल किया गया है। कक्षा आठ में नेटवर्किंग और साइबर सुरक्षा, पाइथन में यूजर इनपुट आदि है।