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लखनऊ : साइबर हैकर्स के निशाने पर उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षक, जानिए कैसे हो रहा है फ्राड और कैसे करें बचाव?

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लखनऊ : साइबर हैकर्स के निशाने पर उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षक, जानिए कैसे हो रहा है फ्राड और कैसे करें बचाव? 


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक इन दिनों साइबर हैकर्स के निशाने पर हैं। हाल ही में फिरोजाबाद में 12 शिक्षकों के मोबाइल एपीके फाइल के जरिए हैक किए जाने की खबर ने सभी को चौंका दिया है। अब राज्यभर के शिक्षक मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1076 से आने वाली संदिग्ध कॉल्स को लेकर असमंजस में हैं। इन कॉल्स में विभागीय फीडबैक के नाम पर एप डाउनलोड करने और आधार कार्ड समेत निजी जानकारी अपलोड करने के लिए कहा जा रहा है।  



कैसे हो रहा है फ्रॉड?
शिक्षकों को 1076 नंबर से कॉल कर यह विश्वास दिलाया जा रहा है कि यह मुख्यमंत्री हेल्पलाइन है। पहले उनसे विभागीय कार्यों और फीडबैक से जुड़े सवाल किए जाते हैं। इसके बाद एक लिंक भेजा जाता है, जिसमें आधार कार्ड और अन्य निजी जानकारी भरने या फोटो अपलोड करने की मांग की जाती है। कुछ शिक्षकों ने लिंक पर क्लिक किया, जिससे उनके मोबाइल हैक हो गए।  


शिक्षामित्र धर्मेंद्र कुमार बताते हैं, "मेरे पास भी 1076 से कॉल आई। इसे मुख्यमंत्री हेल्पलाइन समझकर रिसीव कर लिया था। लेकिन सतर्कता बरतने के कारण ठगी से बच गया।" वहीं, शिक्षक अरुण गुप्ता ने बताया, "कॉल के बाद भेजे गए लिंक पर क्लिक करने से मैंने परहेज किया।"  


शिक्षकों के बीच बढ़ रही चिंता
तीन दिनों में प्रदेशभर में 200 से अधिक शिक्षकों को ऐसी कॉल्स आ चुकी हैं। इस घटना ने शिक्षकों में चिंता बढ़ा दी है। शिक्षकों का कहना है कि इस मामले में विभागीय अधिकारियों की तरफ से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी फिरोजाबाद, आशीष पांडेय ने कहा, "यह फ्रॉड कॉल्स हो सकती हैं। शिक्षकों को किसी भी संदिग्ध कॉल का जवाब देने से पहले अधिकारियों से परामर्श लेना चाहिए।"  


सतर्कता के उपाय
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षकों को साइबर फ्रॉड से बचाने के लिए निम्नलिखित सतर्कता उपाय सुझाए गए हैं:  

1. संदिग्ध कॉल से बचें: 1076 या अन्य अज्ञात नंबर से आने वाली कॉल्स को तुरंत न उठाएं।  

2. लिंक पर क्लिक न करें: किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें।  

3. निजी जानकारी साझा न करें: आधार कार्ड, पासवर्ड या अन्य संवेदनशील जानकारी किसी को न दें।  

4. फीडबैक सत्यापित करें: अगर फीडबैक के लिए कॉल आती है, तो पहले संबंधित अधिकारी से सत्यापन करें।  

5. साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें: किसी भी फ्रॉड का संदेह हो तो तुरंत पुलिस की साइबर क्राइम सेल को सूचित करें।  

6. अन्य शिक्षकों को सतर्क करें: अपने साथी शिक्षकों को ऐसी घटनाओं से अवगत कराएं।  


साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर शिक्षकों को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों को जागरूक और सतर्क रहना आवश्यक है। किसी भी संदिग्ध कॉल या लिंक पर भरोसा न करें और विभागीय और पुलिस अधिकारियों से परामर्श लेना न भूलें। सतर्कता ही इस साइबर जाल से बचने का सबसे बड़ा हथियार है।

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