प्रयागराज : नियुक्ति करना उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का काम, माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर रखा अपना पक्ष
टीजीटीः निदेशक ने चयन आयोग के पाले में डाली गेंद
प्रयागराज । टीजीटी 2013 के अवशेष पैनल के अभ्यर्थियों की नियुक्ति के मामले में निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने गेंद चयन बोर्ड के पाले में डाल दी है। निदेशक ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर कहा कि चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति की कार्यवाही शुरू करना यूपी माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज का काम है। इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है।
इस पर कोर्ट ने याची के अधिवक्ता को निदेशक के हलफनामे का जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की पीठ ने गौरव कुमार की याचिका पर दिया है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज की ओर से टीजीटी 2013 भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। चयन बोर्ड ने 2019 में 1167 चयनित उम्मीदवारों का अवशेष पैनल जारी किया। इसमें लगभग 860 उम्मीदवारों को नियुक्ति दे दी गई।
नियुक्ति करना उप्र. माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का काम, माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर रखा अपना पक्ष
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर दिया। उन्होंने कहा कि चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति की कार्यवाही शुरू करना उप्र. माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज का काम है। इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है। याची अधिवक्ता को जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की पीठ ने अमरोहा निवासी गौरव कुमार की याचिका पर दिया है। उप्र. माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज ने टीजीटी-2013 भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। चयन बोर्ड ने 2019 में 1167 चयनित उम्मीदवारों का अवशेष पैनल जारी किया था। उसमें में 860 को नियुक्ति दे दी गई, जबकि 307 उम्मीदवार वंचित रह गए। इसके खिलाफ उन्होंने याचिका दाखिल की है।
कोर्ट ने चार दिसंबर को नोटिस जारी कर शिक्षा निदेशक से जवाब मांगा था कि बताएं चयनितों को नियुक्ति क्यों नहीं दी गई। इसी के अनुपालन में शिक्षा निदेशक ने व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल किया। कहा, नियुक्ति में उनकी कोई भूमिका नहीं है। अगली सुनवाई दो जनवरी को होगी।
शिक्षा निदेशक बताएं, क्यों नहीं दी चयनितों को नियुक्ति : हाईकोर्ट, TGT-2013 के अवशेष पैनल के चयनितों ने कोर्ट में दाखिल की याचिका
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि शिक्षा निदेशक माध्यमिक उत्तर प्रदेश बताएं कि चयनितों को नियुक्ति क्यों नहीं दी गई है। इस संबंध में 16 दिसंबर तक निदेशक हलफनामा दाखिल कर जवाब दें नहीं तो उन्हें व्यक्तिगत रूप से बुलाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की पीठ ने प्रदीप सिंह समेत 16 व गौरव कुमार की याचिका पर दिया है।
याची प्रदीप व गौरव ने बताया कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज ने टीजीटी-2013 भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। विज्ञापित पदों की संख्या घटाकर अंतिम परिणाम घोषित किया गया। इसके खिलाफ उम्मीदवारों ने याचिका दाखिल की। न्यायालय के आदेश पर चयन बोर्ड ने वर्ष 2019 में 1167 चयनित उम्मीदवारों का अवशेष पैनल जारी किया। इसमें 860 उम्मीदवारों को नियुक्ति मिली, जबकि 307 वंचित रह गए। इसके खिलाफ ही उम्मीदवारों ने याचिका दाखिल की है।
गौरव कुमार की याचिका में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अधिवक्ता तनुज साही ने न्यायालय को बताया कि चयनितों की नियुक्ति क्यों नहीं की गई, इसका जवाब देने के लिए शिक्षा निदेशक सक्षम प्राधिकारी हैं। रिट-ए 839/2023 में एक बहुत विस्तृत आदेश पारित किया गया था, लेकिन शिक्षा निदेशक ने कोई जवाब नहीं दिया।
कोर्ट ने कहा कि याचियों का चयन वर्ष 2019 में सहायक अध्यापक, एलटी ग्रेड के पद पर किया, लेकिन नियुक्ति दी। इस पर नोटिस जारी कर शिक्षा निदेशक से जवाब मांगा है। साथ ही रजिस्ट्रार (अनुपालन) को आदेश दिया कि 48 घंटे के भीतर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ के माध्यम से शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) उत्तर प्रदेश को सूचित किया जाए।