लखनऊ : तदर्थ शिक्षक माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर जड़ेंगे ताला, ठोस निर्णय न होने पर दी चेतावनी, 21 दिन से निदेशालय में धरने पर बैठे हैं शिक्षक
लखनऊ। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में तैनात रहे तदर्थ शिक्षक लगातार 21 दिन से निदेशालय में धरने पर बैठे हैं। इसके बाद भी वेतन भुगतान व तैनाती नहीं हो रही है। बुधवार को शिक्षकों ने चेतावनी दी कि इस हफ्ते अगर उनके मामले में कोई ठोस निर्णय न हुआ तो वह निदेशालय पर ताला लगाने के लिए बाध्य होंगे।
माध्यमिक तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति की ओर से अपनी नियुक्ति व वेतन भुगतान के लिए निदेशालय पर 21 दिन से याचना कार्यक्रम कर रहे हैं। इस कड़कड़ाती ठंड में भी काफी संख्या में शिक्षक धरने में शामिल हो रहे हैं लेकिन उनकी मांग पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। शिक्षकों ने कहा कि विभिन्न रिट में उच्च न्यायालय शिक्षकों के पक्ष में ही निर्णय दे रहा है।
समिति के संयोजक राजमणि सिंह ने कहा कि इसके बाद भी विभाग व शासन के अधिकारी मौन साधे हुए हैं। ऐसे में शिक्षकों का धैर्य अब जवाब दे रहा है। इस हफ्ते में ठोस निर्णय न होने पर निदेशालय के कार्यालयों पर तालाबंदी के लिए बाध्य होंगे। साथ ही सोशल मीडिया पर भी अभियान तेज करेंगे। धरने में प्रदेश महामंत्री प्रभात त्रिपाठी, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेम शंकर मिश्रा, राजेश पांडेय आदि शामिल थे।
लखनऊ : वेतन के भुगतान की मांग को लेकर कड़ाके की ठंड में 19 दिन से धरने पर बैठे हैं तदर्थ शिक्षक
लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा निदेशक के शिविर कार्यालय में कड़ाके की ठंड के बीच 19 दिन से तदर्थ शिक्षक धरने पर बैठे हैं। करीब डेढ़ वर्ष से वेतन का भुगतान न होने से इनके आगे आर्थिक संकट गहरा गया है। धरने पर बैठे तदर्थ शिक्षकों ने सोमवार को सरकार से मांग की है कि बकाया वेतन के भुगतान के लिए डीआईओएस को निर्देशित किया जाए। साथ ही उनकी सेवा सुरक्षा पर सरकार फैसला ले। शिक्षकों ने कहा कि कोई अधिकारी उनसे मिलने तक नहीं आया।
माध्यमिक तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति के संयोजक अध्यक्ष राजमणि सिंह और प्रदेशीय महामंत्री प्रभात कुमार त्रिपाठी ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बावजूद डीआईओएस तदर्थ शिक्षकों के वेतन का भुगतान नहीं कर रहे हैं। यह शिक्षक डीआईओएस कार्यालय के चक्कर लगाकर थक गए हैं। कोई राहत नहीं मिलने पर 18 दिसंबर से निदेशालय पर धरना दे रहे हैं।