लखनऊ : यूपी में माध्यमिक शिक्षा विभाग के तहत संचालित राजकीय कॉलेजों में 8900 से अधिक पदों पर शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। भर्ती में आड़ रहे समकक्षता विवाद को सुलझाने के लिए भर्ती नियमावली में बदलाव को मंजूरी मिल गई है। विभाग जल्द ही संशोधित नियमावली यूपी लोक सेवा आयोग (UPPSC) को भेजेगा। इसके बाद भर्ती का विज्ञापन जारी किया जा सकेगा।
यूपी के माध्यमिक राजकीय विद्यालयों में एलटी ग्रेड के पद खाली होने के बाद भी अर्हता विवाद में पिछले छह साल से नई भर्ती जारी नहीं निकाली जा सकी है। 2018 में हुई आखिरी भर्ती में अर्हता व डिग्री की समकक्षता को लेकर मामले कोर्ट तक पहुंचे थे। 2020 में जब प्रवक्ता के 1400 पदों पर यूपीपीएससी ने भर्ती निकाली तो इसमें भी यही समस्या सामने आई। इसके बाद आयोग ने साफ कह दिया कि जब तक नियमावली की विसंगतियां दूर नहीं की जाती तब तक वह विज्ञापन नहीं जारी करेगा।
नियमावली बनी तो उसमें भी पेंच
आयोग की आपत्ति के बाद शिक्षा विभाग ने काफी मंथन पर संशोधित नियमावली तैयार की और उसे पिछले साल जून में आयोग को भेजा। लेकिन, आयोग ने उसमें भी विभिन्न विषयों की डिग्रियों में समकक्षता को लेकर आपत्ति उठा दी। मसलन, फिजिक्स के शिक्षक के लिए एमएससी अप्लाइड फिजिक्स, मैथ्स के लिए एमएससी मैथमेटिक्स एवं कंप्यूटिंग, मैथेमेटिकल साइंस, बॉयालजी के लिए अप्लाइड एनिमल साइंस, बॉयो साइंस आदि ब्रांच मान्य होगी या नहीं। इसी तरह केमेस्ट्री में बॉयो कमेस्ट्री, अप्लाइड केमेस्ट्री आदि में पीजी डिग्री, अर्थशास्त्र के लिए अप्लाइड इकोनॉमिक्स डिग्री आदि का अर्हता में कैसे रखा जाएगा, यह सब नियमावली में स्पष्ट नहीं थे।
इन सभी विसंगतियों को दूर करने के लिए नियमावली में फिर बदलाव करके 'समकक्षता' को हटा दिया गया है। आयोग इस बदलाव से पूरी तरह सहमत होता है तो एलटी ग्रेड के 7250 पदों और प्रवक्ता के 1650 पदों पर भर्ती की राह खुल जाएगी। इसमें 3777 पदों (एलटी के 3341 और प्रवक्ता के 436 पद) के लिए अधिचायन पहले से ही आयोग के पास पड़ा है।
बिना अर्हता स्पष्ट किए भर्ती न करने के थे निर्देश
2018 और 2020 में हुई शिक्षक भर्तियों में अर्हता विवाद को लेकर हाईकोर्ट ने भी निर्देश दिए थे। इसके बाद कार्मिक विभाग ने स्पष्ट आदेश जारी किया कि जहां कहीं भी भर्ती के नियमों में विहित अर्हता के साथ समकक्ष अर्हता भी हो, वहां, चयन प्रक्रिया से पूर्व ही समकक्ष अर्हता साफ तौर पर निर्धारित कर दी जाए इसके बाद ही भर्ती आयोगों को अधियाचन भेजा जाए।
31 मार्च, 2022 को UPPSC ने माध्यमिक शिक्षा विभाग से शिक्षक भर्तियों के समकक्षता का मामला सुलझाने को कहा। इसके बाद कमिटी बनाई गई। चूंकि स्नातक व परास्नातक डिग्री की समकक्षता तय होनी थी, इसलिए, कमिटी ने उच्च शिक्षा विभाग के भी अफसर रखें। सभी सुझावों को समाहित करते हुए नियमावली बनाई है।
माध्यमिक विद्यालयों में 10 हजार शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ
कैबिनेट बाई सर्कुलेशन उप्र अधीनस्थ शिक्षा नियमावली में संशोधन को मंजूरी, संबंधित विषय में स्नातक के साथ बीएड होगा मान्य, समकक्ष शब्द हटाया गया
लखनऊ। प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक (एलटी ग्रेड) और प्रवक्ता के करीब 10 हजार पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। प्रदेश कैबिनेट ने बाई सर्कुलेशन यूपी अधीनस्थ शिक्षा सेवा नियमावली 2024 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसके तहत दोनों पदों पर भर्ती के लिए योग्यता से समकक्ष शब्द हटाया गया है।
माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के लिए संबंधित विषय में स्नातक, बीएड या समकक्ष योग्यता रखी गई थी। प्रवक्ता पद के लिए स्नातक, बीएड या समकक्ष योग्यता रखी गई थी। कई मामले कोर्ट पहुंचे और समकक्ष योग्यता को चुनौती दी गई। इससे माध्यमिक विद्यालयों में भर्ती अटक गई थी।
लोकसेवा आयोग ने भी माध्यमिक शिक्षा विभाग (डीएसई) से समकक्ष योग्यता को परिभाषित करने की मांग की थी। डीएसई ने उप्र अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) सेवा छठे संशोधन व उप्र विशेष अधीनस्थ शैक्षणिक (प्रवक्ता संवर्ग) सेवा दूसरे संशोधन नियमावली 2024 को स्वीकृति का प्रस्ताव कैबिनेट में भेजा था। डीएसई के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि प्रस्ताव पर कैबिनेट ने सहमति दे दी है।
संशोधन के अनुसार, योग्यता से समकक्ष शब्द हटाकर संबंधित विषय में स्नातक/परास्नातक व नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से बीएड डिग्री कर दिया है। अब विभाग इन पदों पर भर्ती के लिए लोक सेवा आयोग को संशोधित भर्ती प्रस्ताव भेजेगा।