लखनऊ : शिक्षामित्रों के तबादले व मानदेय बढ़ाने का लंबा होता जा रहा इंतजार, बेसिक शिक्षा मंत्री से लेकर प्रमुख सचिव तक कई बार मिला आश्वासन आदेश में नहीं बदल पा रहा
मानदेय का मामला बेसिक शिक्षा और वित्त विभाग के बीच फंसा
लखनऊ। प्रदेश में एक तरफ परिषदीय विद्यालयों के 4.50 लाख शिक्षकों के जिले के अंदर परस्पर तबादले की फिर से प्रक्रिया शुरू हो गई है। किंतु इन विद्यालयों में तैनात लगभग 1.42 लाख शिक्षामित्रों का मूल विद्यालय वापसी (तबादला) व मानदेय बढ़ाने का इंतजार और लंबा होता जा रहा है। बेसिक शिक्षा मंत्री से लेकर प्रमुख सचिव तक हर बार आश्वासन तो मिला लेकिन अब तक कोई आदेश नहीं जारी हुआ है।
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में जाड़े व गर्मी की छुट्टियों में शिक्षकों की तबादला प्रक्रिया पूरी करने का आदेश है। पिछले दिनों लखनऊ में धरना-प्रदर्शन के बाद हुई वार्ता में प्रमुख सचिव ने शिक्षामित्र संघ को भी शिक्षामित्रों के उनके मूल विद्यालय वापसी, महिला शिक्षिकाओं को उनके घर के पास विद्यालय आवंटित करने, मानदेय वृद्धि आदि का आश्वासन दिया था। मानदेय वृद्धि के लिए तो शिक्षक विधायकों के साथ हुई सीएम से मुलाकात में भी आश्वासन मिला था। किंतु विभागीय अधिकारियों ने इस पर भी कार्यवाही नहीं की।
जानकारी के अनुसार विभाग ने बिना किसी संस्तुति के मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव वित्तीय समीक्षा के लिए वित्त विभाग को भेज दिया। जबकि वित्त विभाग ने यह कहते हुए फाइल वापस कर दी कि विभाग ने कोई प्रस्ताव ही नहीं दिया।
वित्त विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि जब आर्थिक भार विभाग पर पड़ना है तो वही बताएगा कि मानदेय कितना बढ़ाना है। जब विभाग स्पष्ट प्रस्ताव भेजेगा, तभी इस पर हम कोई मत दे पाएंगे। जानकारी के अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग ने कोई स्पष्ट प्रस्ताव अभी तक नहीं भेजा है। इस तरह मामला बेसिक शिक्षा और वित्त विभाग के बीच फंसा हुआ है।
शिक्षामित्रों के तबादले या मूल विद्यालय वापसी से जुड़ा आदेश जल्द जारी किया जाएगा। मानदेय को लेकर जो भी स्पष्ट प्रस्ताव भेजना है, वह भी जल्द करेंगे। इस पर तेजी से काम हो रहा है। जल्द ही शिक्षामित्रों को भी खुशखबरी मिलेगी। -डॉ. एमकेएस सुंदरम, प्रस प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा विभाग
बेसिक शिक्षा मंत्री व विभाग के प्रमुख सचिव से हर मुलाकात व वार्ता में सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन मिला। इसके बाद भी मूल विद्यालय वापसी, मानदेय बढ़ाने आदि मांगों पर अभी तक कोई आदेश नहीं जारी हुआ। इस पर जल्द आदेश जारी किया जाना चाहिए। -शिवकुमार शुक्ला, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ