प्रयागराज : शिक्षा सेवा चयन आयोग ने रिक्त पदों का मांगा ब्योरा, निदेशकों की बैठक में अर्हता व सेवा नियमावली का मुद्दा भी उठा, महाकुंभ के बाद नई शिक्षक भर्ती शुरू करने की तैयारी में आयोग
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने प्राइमरी, माध्यमिक व उच्च शिक्षा में मार्च-2025 तक रिक्त होने जा रहे पदों का ब्योरा संबंधित विभागों से मांगा है। शनिवार को आयोग परिसर में निदेशकों की बैठक में अधियाचन एक सप्ताह में उपलब्ध कराने को कहा गया। इस दौरान ऑनलाइन अधियाचन भेजने संग अर्हता व सेवा नियमावली के कारण भर्ती में आ रही बाधा को दूर करने पर भी विचार-विमर्श किया गया।
आयोग महाकुंभ के बाद नई शिक्षक भर्ती शुरू करने की तैयारी में है। आयोग की अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पांडेय के नेतृत्व में बैठक के दौरान निदेशकों व उनके प्रतिनिधियों से कहा गया कि मार्च-2025 तक जो भी पद रिक्त हो चुके हैं या होने जा रहे हैं, उनका पूरा ब्योरा तैयार कर लिया जाए। साथ ही एक सप्ताह में पोर्टल पर ऑनलाइन माध्यम से भेज दिया जाए। वहीं, निदेशकों व उनके प्रतिनिधियों ने कहा कि आयोग के पोर्टल में संशोधन की जरूरत है, उसके बाद ही अधियाचन भेज पाना संभव होगा।
इसके साथ ही शिक्षा सेवा चयन आयोग कुछ नए विभागों में भी शिक्षक भर्ती करने जा रहा है, जिसमें अटल आवासीय विद्यालय, व्यावसायिक विद्यालय व अल्पसंख्यक महाविद्यालय शामिल हैं। संबंधित विभागों ने इन विद्यालयों व महाविद्यालयों के शिक्षकों की सेवा नियमावली भी तैयार की है, जिन्हें मंजूरी के लिए शासन के पास भेजा गया है। शासन से मंजूरी के बाद ही विभाग अधियाचन आयोग को भेज सकेंगे।
बैठक में अर्हता का मुद्दा भी उठा। टीजीटी-पीजीटी भर्ती में कई विषयों की अर्हता पर विवाद हैं और उनमें संशोधन किया जाना है। तय गया कि अर्हता को लेकर किसी भी तरह का विवाद तत्काल दूर कर लिया जाए। आयोग की ओर से कहा गया है कि सेवा नियमावली को शीघ्र मंजूरी व अर्हता स्पष्ट किए जाने को लेकर आयोग भी शासन को पत्र भेजेगा।
भर्ती प्रक्रिया के लिए पोर्टल में होगा संशोधन
बैठक में सहायक उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. बीएल शर्मा ने कहा कि शिक्षा सेवा चयन आयोग ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के प्रारूप के आधार पर पोर्टल तैयार कराया है। जबकि, दोनों संस्थानों की भर्ती प्रक्रिया में काफी अंतर है। लोक सेवा आयोग की भर्तियों में यूपी का एक कैडर होता है। जबकि, एडेड कॉलेजों में अलग-अलग कैडर हैं। रोस्टर में भी अंतर है। ऐसे में पोर्टल में संशोधन की आवश्यकता है। अब शिक्षा सेवा चयन आयोग एनआईसी के माध्यम से आवश्यक संशोधन कराएगा।