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प्रयागराज : शिक्षकों का पक्ष सुने बिना प्रोन्नति सूची रद्द करना न्याय का उल्लंघन, अध्यापकों की प्रोन्नति सूची रद्द करने का आदेश खारिज

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प्रयागराज : शिक्षकों का पक्ष सुने बिना प्रोन्नति सूची रद्द करना न्याय का उल्लंघन, अध्यापकों की प्रोन्नति सूची रद्द करने का आदेश खारिज


प्रयागराज।  हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के सचिव की ओर से अध्यापकों की प्रोन्नति सूची रद्द करने के आदेश खारिज कर दिया है। सचिव के आदेश के क्रम में जारी बीएसए बुलंदशहर के आदेश को भी रद्द कर दिया।

कोर्ट ने कहा कि सचिव का आदेश नैसर्गिक न्याय का उल्लंघन है। आदेश से पूर्व प्रभावित पक्ष और याचियों को सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया। न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने बुलंदशहर के आदित्य और अन्य की याचिका पर यह आदेश दिया।

याचियों के अधिवक्ता ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग की 2015 में जारी प्रोन्नति सूची को बुलंदशहर सहित कई जिलों के शिक्षकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने प्रभावित पक्ष की आपत्तियों पर सुनवाई के बाद आदेश पारित करने के लिए सचिव को निर्देश दिया था।

सचिव ने नौ दिसम्बर 2024 को पूरी प्रोन्नति सूची रद्द कर दी। बीएसए बुलंदशहर ने भी 10 दिसंबर को इस संबंध में आदेश पारित वर दिया। याचियों को पक्ष रखने का में का नहीं दिया गया। यह नैसर्गिक न्याय का हनन है। साथ ही कोर्ट की अवमानना है। न्यायालय ने सचिव और बीएसए के आदेश को रद्द करते हुए छह सप्ताह में नए सिरे से याचियों का पक्ष सुनकर आदेश पारित करने का निर्देश दिया।



मूल विद्यालय में ज्वाइन करने के सचिव और बीएसए के आदेश निरस्त, पदोन्नति के मामले में हाईकोर्ट ने आदेशों को माना गलत

फैसले से शिक्षकों में खुशी का माहौल

■ बेसिक शिक्षा परिषद सचिव और बीएसए ने शिक्षकों को मूल विद्यालयों में ज्वाइन कराने के दिए थे आदेश

बुलंदशहर । वर्ष 2015 में शिक्षकों की प्रधानाध्यापक के पदों पर हुई पदोन्नति में शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने शिक्षकों की रिट पर सुनवाई करते हुए बेसिक शिक्षा सचिव व बीएसए के उस आदेश को निरस्त कर दिया है जिसमें शिक्षकों को मूल विद्यालय में ज्वाईन करने के आदेश दिए थे। शिक्षक अब प्रधानाध्यापक के पद पर अपने संबंधित विद्यालय में ही कार्यरत रहेंगे। कोर्ट के इस फैसले से शिक्षकों में खुशी का माहौल है।

शिक्षक नेता सुरेंद्र यादव व आदित्य कुमार ने बताया कि वर्ष 2015 में उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति प्राप्त परिषदीय शिक्षकों को माननीय उच्च न्यायालय प्रयागराज से बड़ी राहत मिली है। न्यायालय ने बेसिक शिक्षा परिषद सचिव के दिनांक नौ दिसंबर 2024 के और उसके क्रम में बीएसए के दिनांक दस दिसंबर 2024 के आदेश को निरस्त कर दिया है।

उन्होंने बताया कि बेसिक शिक्षा सचिव ने गत माह नौ दिसंबर एक आदेश जारी कर वर्ष 2015 के पदोन्नति आदेश को निरस्त कर दिया था। इसी आदेश के क्रम में बीएसए ने पदोन्नति निरस्त करने का आदेश करते हुए पदोन्नत शिक्षकों को अपने पदोन्नति पूर्व के विद्यालय में वापस जाने के निर्देश दिए थे।

उक्त दोनों आदेशों के विरुद्ध उन्होंने न्यायालय की शरण ली प्रकरण में सुनवाई करते हुए न्यायालय ने 17 जनवरी को उक्त दोनों आदेशों को स्थगित कर दिया और आगे सुनवाई जारी रखते हुए 22 जनवरी को दोनों आदेशों को निरस्त कर दिया है। उन्होंने बताया कि न्यायालय के उक्त आदेशों का शिक्षकों ने स्वागत किया है। बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया कि कोर्ट से जो आदेश प्राप्त होंगे विभाग उन्हें मानते हुए कार्य करेगा।



हाईकोर्ट ने बुलंदशहर के परिषदीय शिक्षकों की पदोन्नति निरस्त किए जाने / पूर्व विद्यालय में वापसी के आदेशों पर लगाई रोक, देखें कोर्ट ऑर्डर 

22 जनवरी 2025
जनपद-बुलन्दशहर

2015 में प्रधानाध्यापक, उच्च प्राथमिक विद्यालय के पद पर पदोन्नति के प्रति सचिव महोदय, उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज के आदेश 09/12/2024 और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय, बुलंदशहर के आदेश 10/12/2024 को माननीय उच्च न्यायालय, प्रयागराज ने स्थगित किया। देखें स्टे आर्डर









परिषदीय स्कूलों में वर्ष 2015 में प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापकों की पदोन्नति हुई थी, अब शिक्षक हुए परेशान

हाईकोर्ट के 415 शिक्षकों की पदोन्नति निरस्त करने के बाद बीएसए ने सभी शिक्षकों को पदोन्नति से पूर्व वाले स्कूलों में कार्यभार ग्रहण करने के दिए आदेश

13 दिसम्बर 2024
बुलंदशहर । बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में तैनात 415 शिक्षकों की पदोन्नति निरस्त हो गई है। कोर्ट का आदेश मिलने पर इन सभी शिक्षकों को बीएसए ने आदेश जारी कर पदोन्नति से पूर्व वाले स्कूलों में कार्यभार ग्रहण करने के आदेश दिए हैं। आदेश के बाद पदोन्नत शिक्षकों परेशान हैं।


जिले के परिषदीय स्कूलों में वर्ष 2015 में 415 प्राइमरी के प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापकों की पदोन्नति हुई थी। बताया गया कि पदोन्नति के लिए बनी वरिष्ठता सूची पर सवाल खड़े हुए, मगर इसके बावजूद भी शिक्षकों को पदोन्नत कर दिया गया।

मामले में शिक्षक नेता वेदप्रकाश गौतम सहित आदि ने हाईकोर्ट में वाद दायर किया था। लंबे समय तक सुनवाई चली और शासन से लेकर जिला स्तर तक के अफसरों को अदालत में तलब किया गया।

लेकिन अब कोर्ट के आदेश के क्रम में नौ दिसंबर को बेसिक शिक्षा सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने सूची में शामिल जिले के सभी 415 शिक्षकों की पदोन्नति को निरस्त करने का आदेश दिया है।

बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया कि कोर्ट के निर्देश व बेसिक शिक्षा सचिव के आदेश मिलने पर इन सभी शिक्षकों की पदोन्नति निरस्त करने का पत्र जारी कर दिया है। आदेश दिए हैं कि पदोन्नति में शामिल सभी शिक्षक अब अपने पूर्व के विद्यालय में कार्यभार तत्काल ग्रहण करें। 




बुलन्दशहर में 2015 में हुए 415 शिक्षकों के पदोन्नति आदेश निरस्त करते हुए मूल विद्यालय वापसी का आदेश


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