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लखनऊ : कस्तूरबा विद्यालयों में अगले सत्र में ही मिल पाएंगी नई शिक्षिकाएं, एक साल पहले शुरू हुई थी भर्ती की कवायद, पहले तकनीकी पेंच फंसे, अब भी लेटलतीफी

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लखनऊ : कस्तूरबा विद्यालयों में अगले सत्र में ही मिल पाएंगी नई शिक्षिकाएं, एक साल पहले शुरू हुई थी भर्ती की कवायद, पहले तकनीकी पेंच फंसे, अब भी लेटलतीफी


लखनऊ । अप्रग्रेड होने वाले कस्तूरवा गांधी बालिका विद्यालयों (KGBV) में नई शिक्षकाएं और केयरटेकर के पदों पर भर्ती की कवायद पिछले साल शुरू हुई थी। तव से भर्तियां तकनीकी पेच में उलझती रहीं। विवाद सुलझने के बाद भी रफ्तार इतनी सुस्त है कि अव अगले सत्र तक ही विद्यालयों को नई टीचर और केयरटेकर मिल पाएंगी। प्रदेश में 746 KGBV है। ये आठवीं कक्षा तक चलते हैं और पूरी तरह आवासीय हैं। 



सरकार ने इनको अपग्रेड करने का निर्णय लिया है। ऐसे में सभी के लिए वड़े अकैडमिक परिसर और हॉस्टल की अतिरिक्त व्यवस्था करनी है। तय किया गया कि जिन KGBV के आसपास तीन किलोमीटर के दायरे में राजकीय या एडेड इंटर कॉलेज हैं, वहां की छात्राएं आठवीं के बाद इन इंटर कॉलेजों में पढ़ सकेंगी। इनके लिए अतिरिक्त अकैडमिक कैंपस या हॉस्टल की जरूरत नहीं है। जिनके आसपास पहले से इंटर कॉलेज नहीं है, वहां उसी  परिसर या नजदीक ही अलग से अकैडमिक कैंपस और हॉस्टल वनाए जाएंगे। 


प्रदेश में 311 विद्यालय ऐसे हैं, जिनके आसपास राजकीय या एडेड इंटर कॉलेज नहीं है। इनके लिए अकैडमिक कैंपस और हॉस्टल वन रहे हैं। ऐसे में हर विद्यालय के लिए हेड टीचर समेत सात शिक्षिकाओं और केयरटेकर की जरूरत होगी। इस तरह कुल 2,488 भर्तियां होनी हैं।


जून में भेजा गया था प्रस्ताव

इन भर्तियों के लिए कवायद पिछले सत्र से ही शुरू हो गई थी। पहले लेटलतीफी करते हुए जून में भर्ती का प्रस्ताव भेजा गया। जब शासनादेश हो गया तो ध्यान आया कि प्रस्ताव ही गलत बना था। इसमें केयरटेकर की शैक्षिक अर्हता गलत है। उसके बाद फिर संशोधित प्रस्ताव भेजा गया और नया शासनादेश नवंबर के शुरुआत में जारी हुआ। उसके बावजूद अभी तक सभी जिलों ने अभी विज्ञापन नहीं निकाले है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस रफ्तार से अगले सत्र की शुरुआत में ही नई शिक्षकाओं और केयरटेकरों की भर्ती हो पाएगी।

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